चंडीगढ़। विजिलेंस ब्यूरो ने मंगलवार को ग्रेटर मोहाली एरिया डेवेलपमेंट अथॉरटी (गमाडा) में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। साल 2016 से 2020 के दरमियान बाग़बानी और राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभुगत से फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर करोड़ों रुपए का मुआवज़ा लेने वाले राजस्व कर्मचारी समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में आईपीसी की धारा 409, 420, 465, 466, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1) (ए), 13 (2) के अंतर्गत मोहाली में केस दर्ज किया है। इसमें मुख्य दोषी भूपिन्दर सिंह निवासी बाकरपुर मोहाली समेत मुकेश जिन्दल, शमन जिन्दल पत्नी मुकेश जिन्दल, प्रवीण लता पत्नी चंचल कुमार जिन्दल, दोनों निवासी मॉडल टाऊन बठिंडा, विशाल भंडारी निवासी सेक्टर 40-डी, चंडीगढ़, सुखदेव सिंह निवासी बाकरपुर, बिन्दर सिंह निवासी सेक्टर 79, मोहाली और बचित्तर सिंह पटवारी, राजस्व हलका बाकरपुर (मौजूदा कानूनगो) एसएएस नगर को गिरफ्तार किया है। इनके अलावा बाग़बानी विभाग के कर्मचारी जसप्रीत सिंह, वैशाली, दिनेश कुमार, रश्मि अरोड़ा, अनिल अरोड़ा, विशाल भंडारी को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इनसे पूछताछ में कई और अहम खुलासे भी सामने आ सकते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि एक शिकायत की जांच के दौरान विजिलेंस ब्यूरो ने पाया कि साल 2016 में गमाडा ने एसएएस नगर जिले के अलग- अलग गाँवों से सम्बन्धित ज़मीन एक्वायर करने के लिए नोटिस जारी किए थे। साल 2017 में धारा 4 और 2020 में धारा 19 के अधीन नोटिफिकेशन जारी किए गए।
उन्होंने आगे कहा कि बाकरपुर के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर भुपिन्दर सिंह ने गमाडा, राजस्व और बाग़बानी विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों से मिलकर अपने अन्य साथियों अनिल जिन्दल, मुकेश जिन्दल, विकास भंडारी के जरिए कृषि योग्य ज़मीन के पट्टेनामे/मुख़त्यारनामा लेकर अमरूदों के बाग़ लगा दिए। उक्त दोषियों ने हलका पटवारी बचित्तर सिंह की मिलीभुगत के साथ साल 2019 में जाली गिरदावरी रजिस्टर तैयार करवाया। जिसमें उसने साल 2016 से अपनी ज़मीन पर अमरूद के बाग़ों के मालिक बता कर नाजायज तौर पर करोड़ों रुपए का मुआवज़ा हासिल किया।
उन्होंने आगे बताया कि गहराई से पड़ताल दौरान यह पाया गया कि इस केस के मुख्य दोषी भुपिन्दर सिंह ने ख़ुद और अपने परिवारिक सदस्यों के लिए इसी अमरूदों के बाग़ के लिए लगभग 24 करोड़ रुपए का मुआवज़ा लिया। इसी तरह ही बठिंडा निवासी मुकेश जिन्दल ने अमरूदों के बाग़ के लिए करीब 20 करोड़ रुपए का मुआवज़ा लेकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की है। इस मामले में कई अन्य व्यक्तियों ने भी अपनी ज़मीन में अमरूदों के बाग़ दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपए का मुआवज़ा लिया है। इस तरह विजिलेंस ब्यूरो ने करोड़ों रुपए के इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है और बाकी दोषियों को भी जल्द ही काबू कर लिया जाएगा और मामले में आगे जांच जारी है।