59 साल के व्यक्ति को मिला नया जीवन, ब्रेन-डेड डोनर बना मसीहा
पढ़े पूरी खबर
परिवार की सहमति से लिवर को ग्रीन कॉरिडोर से वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल पहुंचाया गया, महज 46 मिनट में 34 किलोमीटर दूरी तय की गई। मैक्स हॉस्पिटल के 15 डॉक्टरों की टीम ने नौ घंटे में लिवर ट्रांसप्लांट किया। मैक्स अस्पताल के लिवर ट्रांसप्लांट और पित्त विज्ञान के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गुप्ता ने कहा कि रोगी लिवर सिरोसिस और अन्य जटिलताओं से पीड़ित था। उसे कई बार आईसीयू में भर्ती कराया गया। उसे तत्काल लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी।
हमें उम्मीद है कि यह उपलब्धि अधिक जागरूकता को बढ़ावा देगी और अधिक परिवारों को अंग दान करने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे जरूरतमंद लोगों को जीवन का अमूल्य उपहार मिलेगा। अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. राजेश डे ने कहा कि हम दाता के परिवार के आभारी हैं, जिन्होंने अपने नुकसान के समय में भी गंभीर रोगियों की सेवा करने का फैसला किया। अंग दान कई अनमोल जिंदगियों को बचा सकता है। मुझे वास्तव में उम्मीद है कि हर कोई इस उद्देश्य को अपनाएगा।