हिमाचल में कोरोना के 511 नए मामले
एनएचएम कर्मचारियों और अधिकारियों के हड़ताल पर जाने से हिमाचल प्रदेश में कोरोना की सैंपलिंग घट गई है
एनएचएम कर्मचारियों और अधिकारियों के हड़ताल पर जाने से हिमाचल प्रदेश में कोरोना की सैंपलिंग घट गई है। पहले जहां रोज 10 हजार लोगों की सैंपलिंग हो रही थी, वहीं बुधवार को सिर्फ 2004 लोगों के कोरोना सैंपल लिए गए। इसमें से 511 लोग पॉजिटिव आए हैं। प्रदेश में 511 लोग ठीक हुए हैं। कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 9422 पहुंच गई है। एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल, कोरोना टेस्ट समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बाधित प्रदेश में एनएचएम कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बुधवार को स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। मेडिकल कॉलेजों और जोनल अस्पतालों में टेस्ट नहीं हुए।
स्वास्थ्य विभाग को कोरोना वैक्सीन लगाने में भी दिक्कतें पेश आईं। ये कर्मचारी प्रदेश सरकार से ठोस नीति और एचआर पॉलिसी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब न मिलने पर अब इन्होंने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है। पहले यह हड़ताल एक दिन की तय हुई थी। इसी बीच ये कर्मचारी राजभवन गए और राज्यपाल से भी मुलाकात की। उन्होंने आश्वस्त किया कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी से बात करेंगे।
एनएचएम (नेशनल रुरल हेल्थ मिशन) कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमीन चंद ने बताया कि हिमाचल में 1700 कर्मचारी बीते 25 सालों से सेवाएं दे रहे हैं। कर्मचारियों की तैनाती मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशालाओं के अलावा अन्य चिकित्सा संस्थानों में की गई है। मरीजों के टेस्ट से लेकर रिपोर्टें तैयार करने का काम एनएचएम कर्मचारियों पर है। कोरोना काल में भी घर-घर जाकर लोगों के टेस्ट किए गए, लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया गया है। बीते माह कैबिनेट की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हुई। इसमें कर्मचारियों को राहत देने की बात कही गई। इसे भी लागू नहीं किया गया। आईजीएमसी और टांडा में आरकेएस के तहत कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल दिया गया, अन्य कर्मचारियों को इससे भी वंचित रखा गया है।