नई दिल्ली: आज यहां एनसीसी परेड ग्राउंड में आयोजित ‘योग महोत्सव’ में 50,000 लोगों की उत्साही भागीदारी देखी गई। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन कार्यरत मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग (एमडीएनआईवाई) ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 25वें काउंटडाउन पर 'योग महोत्सव' का आयोजन किया। इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल डॉ तमिलिसाई सौंदरराजन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। साथ ही, केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री किशन रेड्डी, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ने भी इस समारोह की शोभा बढ़ायी। योग महोत्सव को और भी उत्साहजनक बनाने के लिए शहर की अनेक हस्तियां भी उपस्थित थीं जिनमें पद्म भूषण विजेता और जाने-माने बैडमिंटन खिलाड़ी तथा कोच पुलेला गोपीचंद, एक्टर विश्वकसेन के अलावा कृष्ण चैतन्य आदि भी शामिल हैं। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग के निदेशक डॉ ईश्वर बासवरड्डी ने इस कार्यक्रम में कॉमन योगा प्रोटोकॉल (सीपीपी) का संचालन किया और हजारों प्रतिभागियों ने आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर कार्यक्रम में योगाभ्यास किया।
इस मौके पर, तेलंगाना की माननीय राज्यपाल डॉ तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा, ''आज यहां इस समारोह में योग करने के लिए उपस्थित होना मेरे लिए खुशी का विषय है। यह हम सभी के लिए प्रसन्नता का और स्वास्थ्य का पर्व है। मैं सभी से योग को अपनाने की अपील करती हूं। योग आपको प्रसन्न बनाता है, यह आपको सेहतमंद बनाता है और योग से आप खुश भी होते हैं।''
समारोह में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए सर्बानंद सोणोवाल ने कहा, ''आज इस योग महोत्सव में हजारों उत्साही लोगों को योग के माध्यम से अच्छी सेहत के लिए भागीदारी करते हुए देखकर मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है। भारत की गौरवशाली विरासत योग को उस वक्त और भी ज्यादा बल मिला जब पूरे विश्व समुदाय ने हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला किया। आज योग दुनियाभर में अधिकाधिक लोगों तक पहुंच रहा है और लोगों की शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक खुशहाली का माध्यम बन रहा है। योग ने सभी तरह की जातीय, नस्लीय, लैंगिक, धार्मिक और राष्ट्रीयता की दीवारों को लांघकर समाज में अपनी स्वीकार्यता बढ़ायी है। पूरी दुनिया में आज लोग अपनी सेहत के लिए इसे अपना रहे हैं। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम – वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग वास्तव में, उपयुक्त है। यह सही मायने में राष्ट्रीय और वैश्विक मंचों पर योग के प्रति लोगों के जज़्बे और इसकी स्वीकार्यता का सूचक है। ग्रामीणों से लेकर शहरी बाशिन्दों तक, छात्रों से गृहिणियों और कार्पोरेट कर्मियों तक, सभी अपने आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए योग को अपना रहे हैं। हमारे करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अथक प्रयासों के चलते योग का प्रभाव और विश्व समुदाय के बीच इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। आज पूरी दुनिया ने सर्वांगीण स्वास्थ्य और वैलबींग के माध्यम के तौर पर योग को स्वीकार कर लिया है।''
केंद्रीय मंत्री श्री सोणोवाल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए अंतरारष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तरों पर कई नई पहल की गई हैं।
उन्होंने बताया, ''‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, 21 जून को रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की मदद से ओर से कई बंदरगाहों, जहाजों पर प्रमुख भव्य योगाभ्यास किया जाएगा और ओशन रिंग ऑफ योग बनाया जाएगा। अनेक मित्र देशों के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। इसी तरह, आर्कटिक से अंटार्कटिका में भी योगाभ्यास का प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें प्राइम मेरिडियन लाइन पर या उसके आसपास के देश भी योगाभ्यास में शामिल होंगे। आईएनएस विक्रांत तथा आईएनएस विक्रमादित्य के फ्लाइट डैक्स पर भी सामूहिक रूप योगाभ्यास किया जाएगा। योग भारतमाला के अंतर्गत, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, भारतीय तटरक्षक और सीमा सड़क संगठन भी सीमाओं पर, तटीय क्षेत्रों पर और द्वीपों पर योग प्रदर्शन कर योगभारतमाला बनाएंगे। उत्तर और दक्षिणी ध्रुव क्षेत्रों पर भी योग होगा। हिमाद्रि- स्वालबार्ड, आर्कटिक में भारतीय अनुसंधान केंद्र और अंटार्कटिका में तीसरा भारतीय अनुसंधान केंद्र - भारती भी इस समारोह से जुड़ेंगे। स्थानीय स्तर पर, पंचायतों, आंगनवाड़ियों, आशा/एएनएम कर्मियों को भी योगाभ्यास प्रदर्शन गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इसी तरह, स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्रालयों के हैल्थ तथा वैलनैस सेंटर्स, जो कि देशभर में 1.5 लाख से अधिक हैं तथा अमृत सरोवरों (जिनकी संख्या करीब 50 हजार है) में भी योग गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस साल, ‘हर आंगन योग’ को सही भावना के साथ साकार होते हुए देखा जा सकेगा।''
योग महोत्सव में जी किशन रेड्डी ने कहा, ''योग दुनिया को भारतीय धरोहर से प्राप्त होने वाला अनुपम उपहार है जो समूची मानवता को स्वस्थ एवं प्रसन्न बनाता है। आज हम सभी इतनी बड़ी संख्या में यहां उपस्थित हैं और आपका यहां होना योग के प्रति आपके मन में गहरे पैठी भावनाओं को दर्शाता है। भारतीय संस्कृति की इस अनुपम विरासत को हमारे ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से नया जोश और उत्साह मिला है और आज यह सेहतमंद जीवनशैली के लिए विश्वभर में एक आंदोलन बन चुका है। आज की दुनिया में, खुद को शांत और केंद्रित बनाए रखने के लिए योग की भूमिका बहुत अधिक है। हम सभी को योग को अपनाना चाहिए और इसका नियमित अभ्यास कर इसका हमेशा उत्सव मनाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तरफ आगे बढ़ते हुए, आइये हम सब मिलकर इसे और सफल बनाएं।''
अपने स्वागत भाषण में, आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा, ''अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अब पूरी दुनिया में लोग जानते हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदृष्टि का ही परिणाम है कि योग के प्राचीन विज्ञान ने आधुनिक दुनिया में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी जगह बनायी है और दुनिया के लगभग हरेक देश ने इसे अपनाया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 के 25वें काउंटडाउन के मौके पर मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं। मैं आप सभी का आह्वान करता हूं कि आप इस मशाल को जलाए रखें।''
इस समारोह में, वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय के अलावा कविता गर्ग, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय समेत केंद्र सरकार और तेलंगाना राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।