नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारतीय गैर-लाभकारी संगठनों (एनजीओ) के कार्यबल में महिलाओं का उल्लेखनीय 45 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देखा गया है। यह अन्य उद्योगों की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है।
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 80 प्रतिशत गैर सरकारी संगठन मुख्य रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने और गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम करने पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं।
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की सीईओ यशस्विनी रामास्वामी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने भारत सरकार द्वारा पोलियो उन्मूलन और आंगनवाड़ी जैसी पहलों में अविश्वसनीय उपलब्धियां देखी हैं। जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने बताया कि भारत के मिलियन मिशन गैर-लाभकारी क्षेत्र रिपोर्ट के अनुसार, नियामक सुधारों के साथ-साथ इन मील के पत्थर ने एक ऐसा वातावरण तैयार किया है, जहां यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में 2 प्रतिशत का योगदान देने के लिए तैयार है।
सर्वेक्षण में औसतन 13 स्थानों पर एनजीओ के काम पर प्रकाश डाला गया, जिसमें 323 व्यक्ति थे और उनमें से 97 प्रतिशत पूर्णकालिक काम करते थे। एनजीओ दर्पण पोर्टल के अनुसार देश में सबसे अधिक एनजीओ उत्तर प्रदेश (15 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (14 प्रतिशत) में हैं। इसके बाद अन्य राज्यों में दिल्ली (8 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल (7 प्रतिशत) हैं। इसके अलावा, प्रभावशाली 94 प्रतिशत एनजीओ कर्मचारियों ने अपने संगठनों के सामाजिक योगदान पर गहरी संतुष्टि व्यक्त की।