जेल विभाग के 4 अधिकारी सस्पेंड, बिना आदेश के यासीन मलिक को लेकर पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट

Update: 2023-07-23 02:08 GMT

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक की व्यक्तिगत पेशी के मामले में 4 अधिकारियों पर गाज गिरी है. इस मामले में दिल्ली जेल विभाग के एक उप अधीक्षक, दो सहायक अधीक्षक और एक हेड वार्डन को निलंबित कर दिया है. तिहाड़ जेल के डीआईजी मामले की गहन जांच कर रहे हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद और भी अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक की व्यक्तिगत पेशी पर नाराजगी जताई थी. साथ ही कहा था कि जब कोई आदेश पारित नहीं किया गया तो यासीन को क्यों लाया गया. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यासीन मलिक की पेशी पर भी चिंता जताई थी.

दरअसल, तिहाड़ जेल के अधिकारियों की ओर से कड़ी सुरक्षा के बीच मलिक को सुप्रीम कोर्ट लाया गया था. सुप्रीम कोर्ट जम्मू की कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा था कि 'जस्टिस दत्ता इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते.' सुनवाई के दौरान मलिक अदालत में मौजूद था. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि शीर्ष अदालत ने ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया था कि यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया जाना चाहिए, सुरक्षा का एक बड़ा मुद्दा है, और वह हाई रिस्क वाला कैदी है, उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच को आश्वासन दिया था कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे कि भविष्य में उन्हें इस तरह जेल से बाहर नहीं लाया जाए.

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