2 टीटीई गिरफ्तार, बदला लेने महिला यात्री के साथ मिलकर रच डाली ये साजिश

इससे पहले कि आरोपी अपनी साजिश में कामयाब हो पाते, पुलिस ने सारे मामले का पर्दाफाश कर दिया.

Update: 2021-08-10 11:47 GMT

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद के टूंडला रेलवे स्टेशन पर टीटीई देवेंद्र दीक्षित ने अपने दो टीटीई साथी कुलदीप और दुर्गेश के साथ मिलकर अपने सीनियर अधिकारी को हटाने के लिए एक साजिश रच डाली. जिसमें एटा निवासी एक अन्य महिला यात्री को भी शामिल किया गया. इससे पहले कि आरोपी अपनी साजिश में कामयाब हो पाते, पुलिस ने सारे मामले का पर्दाफाश कर दिया.

टीटीई देवेंद्र दीक्षित की साजिश के तहत ही उक्त महिला ने आरोप लगाया कि वर्तमान चीफ इंस्पेक्टर ऑफ टिकिट (CIT) भूर सिंह मीणा ने 5 अगस्त को उसके साथ अभद्रता की है. महिला ने आरोप ही नहीं लगाया बल्कि खुद का एक वीडियो बनाकर रेलवे के उच्च अधिकारियो को भेज दिया. महिला ने यह भी आरोप लगाया कि चीफ इंस्पेक्टर ऑफ टिकट (CIT) भूर सिंह मीणा ने उसका हाथ पकड़ कर बैठाया था और उसके संग असम्मानजनक तरीके से व्यवहार किया.
जैसे ही यह मामला सीटीआई के संज्ञान में आया उनकी हालत खराब हो गई और उन्होंने पुलिस के पास जाने का मन बना लिया. अपने खिलाफ साजिश से परेशान चीफ इंस्पेक्टर ऑफ टिकट भूर सिंह ने 6 अगस्त को जीआरपी टूंडला थाने में एक शिकायत दर्ज करा दी. उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया है. जीआरपी पुलिस और आरपीएफ के अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरु कर दी.
छानबीन में पुलिस को पता चला कि मीणा को फंसाने के लिए टीटीई कुलदीप, टीटीई दुर्गेश कुमार ने यह कृत्य किया है और इस षड्यंत्र में टीटीई दवेंद्र दीक्षित भी शामिल है. इसके बाद पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश दी और आरोपियों को पूछताछ के लिए उठा लिया. पुलिस ने जब कुलदीप और दुर्गेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सच सामने आ गया.
पूछताछ में पता लगा कि बदले की भावना के चलते यह साजिश रची गई थी और उसके अनुसार ही प्लान बनाया गया था. लंबी पूछताछ के बाद ही पुलिस ने दोनों टीटी कुलदीप और दुर्गेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस अब उस महिला और आरोपी टीटीई दवेंद्र कुमार दीक्षित की तलाश भी कर रही है. साथ ही रेलवे ने तीनो आरोपी टीटीई को निलंबित कर दिया गया है.
जांच में पता चला कि आरोपी टीटीई देवेंद्र कुमार दीक्षित सीआईटी बनना चाहता था, लेकिन वर्तमान में सीआईटी के पद पर भूर सिंह मीणा तैनात थे. देवेंद्र कुमार दीक्षित ने सोचा कि भूर सिंह मीणा के खिलाफ जांच शुरू हो जाएगी और उन्हें पद से हटा दिया जाएगा. इसके बाद वो खुद उनके पद कार्यरत हो जाएंगे.
जीआरपी इंस्पेक्टर योगेंद्र यादव का कहना है कि इसमें अभी टीटीई देवेंद्र कुमार दीक्षित भी संदिग्ध है. उसके खिलाफ भी अलग से जांच की जा रही है. आरोपी टीटीई कुलदीप और दुर्गेश दोनों के मोबाइल जब जब्त किए गए और उनकी जांच में व्हाट्सएप चैट सामने आई, जिसमें सीआईटी को हटाने की साजिश का खुलासा हो गया. इस साजिश में एटा की एक महिला को भी शामिल किया गया था. जांच आगे बढ़ी तो पूरा मामला खुलता चला गया.
पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) मोहम्मद मुश्ताक ने बताया के इस मुकदमे में काफी छानबीन की गई और कई लोगों के बयान दर्ज किए गए. उसके बाद दोनों टीटीई को दोषी पाया गया और दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. आरोपी महिला की तलाश अभी जारी है. पकड़े गए आरोपियों के बयानों से पता लगा कि सीआईटी भूर सिंह मीणा को फंसाने के लिए यह साजिश रची गई थी.
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