नासिक। मणिपुर के परेशान करने वाले वीडियो के विरोध में महाराष्ट्र के नासिक में बवाल हो गया है. यहां सताना शहर में शनिवार शाम को निकाले गए मार्च में हिंसक झड़प हो गई. घटना में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. तोड़फोड़ और हंगामा हुआ है. पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. घटना के बाद तनाव की स्थिति बन गई है. पुलिस का कहना है कि अब हालात काबू में हैं.
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी. हिंसा के दूसरे दिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर परेड कराई गई थी. इन दोनों महिलाओं के साथ गैंगरेप भी किया गया था. एक महिला के पिता और भाई ने घटना को विरोध किया तो उन दोनों की हत्या कर दी गई थी. हाल ही में पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद लोगों ने नाराजगी जताई थी. मणिपुर पुलिस ने मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
इसी वीडियो की घटना के विरोध में महाराष्ट्र के नासिक में शनिवार शाम को एकलव्य आदिवासी संगठन, कुछ अन्य आदिवासी संगठनों और वंचित बहुजन अगाड़ी ने मार्च हिंसक निकाला. विरोध प्रदर्शन के बाद पथराव की घटना हो गई. इसमें करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. बताते हैं कि विरोध के दौरान हजारों युवा अर्द्ध नग्न होकर मार्च में शामिल हुए. जब यह मार्च तहसील कार्यालय के पास पहुंचा, तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने सताना पुलिस स्टेशन के सामने धरना शुरू कर दिया और स्थानीय भाजपा विधायक दिलीप बोरसे को बुलाकर ज्ञापन देने की मांग उठाई.
बताया गया है कि विरोध-प्रदर्शन शाम करीब 4 बजे खत्म हो गया था. संगठन के सदस्य स्थानीय तहसीलदार को ज्ञापन देने के बाद वापस लौटने लगे थे. लेकिन, भीड़ में कुछ लोगों ने स्थानीय विधायक को मिलने की मांग की और सड़क पर जाम लगा दिया. आरोप है कि पुलिस के आक्रामक रुख के बाद मार्च करने वाले कुछ लोग भड़क गए और पथराव शुरू कर दिया. वहीं, पुलिस का कहना है कि आदिवासी संगठनों के पास धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी. इन लोगों को बताया कि विधायक मुंबई में हैं और वहां विधानसभा सत्र में हिस्सा ले रहे हैं. बातचीत के दौरान तीखी बहस होने लगी. इसी बीच, पुलिस और वहां से गुजर रहे वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया गया.