...तो भारत में लागू होगी दुनिया की सबसे अलग कोरोना टीकाकरण नीति, जानें क्या है 'मिक्स एंड मैच'

Update: 2021-05-30 09:41 GMT

नई दिल्‍ली. भारत में अब कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए मामले पहले से काफी कम संख्‍या में सामने आ रहे हैं. हालांकि मौत के आंकड़े अब भी ज्‍यादा हैं. ऐसे में लोगों को कोरोना वायरस (Covid 19) से बचाने के लिए सरकार की ओर से बेहद बड़े स्‍तर पर टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) चलाया जा रहा है. इसके तहत अब तक देश में कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) की 21 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है. लेकिन आने वाले समय में लोगों को दी जाने वाली वैक्‍सीन की इन डोज में कुछ बड़े बदलाव संभव हैं. इसके तहत लोगों को भविष्‍य में 'मिक्‍स एंड मैच' रणनी‍ति के तहत वैक्‍सीन देने की योजना पर शोध हो रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैज्ञानिक अब इस शोध में जुटे हैं कि क्‍या लोगों को भविष्‍य में मिक्‍स एंड मैच राणनीति के तहत वैक्‍सीन की डोज दी जा सकती है? दरअसल मिक्‍स एंड मैच डोज का मतलब होता है कि किसी भी एक व्‍यक्ति को दो अलग-अलग वैक्‍सीन की दो डोज देना. यानि पहली डोज एक कंपनी की और दूसरी डोज दूसरी कंपनी की. अब शोध के नतीजों के बाद इस पर विचार हो सकता है.
देश में चल रहे टीकाकरण अभियान की व्‍यवस्‍था की निगरानी करने वाली कमेटी के एक सदस्‍य ने जानकारी दी है कि ऐसा देखने को मिला है कि अगर किसी व्‍यक्ति को दो अलग अलग कंपनियों की डोज दी जाती है तो उसके अंदर इम्‍युनिटी पावर या बीमारियों से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी हो जाती है. देश के अलग-अलग हिस्‍सों से ऐसी खबरें सामने आई हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्‍य में मिक्‍स एंड मैच रणनीति पर शोध किया जाएगा. इसका मकसद अधिक से अधिक लोगों के शरीर में मजबूत इम्‍युनिटी पावर बनाने का है. कमेटी के सदस्‍य का कहना है कि दो अलग-अलग कंपिनयों की वैक्‍सीन की डोज से इंटरचेंजेबिलिटी होती है. शोध में दो अलग-अलग वर्गों को वैक्‍सीन देने के लिहाज से बांटा जाएगा.
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर सब ठीक रहा तो कुछ महीनों में ही यह व्‍यवस्‍था लागू हो सकती है. अगले कुछ महीनों में और अधिक कंपनियों की वैक्‍सीन बाजार में आ जाएंगी. ऐसे में इस व्‍यवस्‍था से लोगों की इम्‍युनिटी पावर बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
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