Kolkataकोलकाता। सेना के पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम स्थित विजय स्मारक पर सोमवार को 53वें विजय दिवस का जश्न मनाया गया। इस समारोह में बांग्लादेश से 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ, जिसमें 1971 युद्ध के मुक्तियोद्धा और बांग्लादेशी सेना के अधिकारी मौजूद थे। इसके साथ ही भारत की ओर से इस युद्ध में शामिल रहे 10 जांबाजों की एक टीम ने भी ढाका में आयोजित ‘बिजॉय दिवस’ समारोह में भाग लिया।
समारोह में मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस सहित पूर्वी कमान के प्रमुख (जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी एवं तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने विजय स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले बलिदानियों को नमन किया।
इसके अलावा भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिकों ने एक दूसरे को मिठाई बांटी। ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा साझा इतिहास और लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को दर्शाते हुए, भारत और बांग्लादेश के सैनिकों ने 1971 के मुक्ति युद्ध की 53वीं वर्षगांठ के अवसर पर अगरतला-अखौरा सीमा पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।
भारतीय उच्चायोग ने एक अन्य पोस्ट में लिखा ये वार्षिक द्विपक्षीय यात्राएं मुक्तियोद्धाओं और युद्ध के दिग्गजों के लिए अद्वितीय मित्रता का जश्न मनाने और मुक्ति संग्राम की यादों को नई करने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं, जो कब्जे, उत्पीड़न और सामूहिक अत्याचारों से बांग्लादेश की आजादी के लिए साझा बलिदान का प्रतीक है।
बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत की याद में हर साल 16 दिसंबर को भारतीय सेना विजय दिवस के रूप में मनाती है। चूंकि भारतीय सशस्त्र बलों ने बांग्लादेश की मुक्ति में अहम योगदान दिया था, जिससे बांग्लादेश का उदय हो सका, इसलिए पड़ोसी देश में भी इसे ‘बिजॉय दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है।