TMC विधायक बाबुल सुप्रियो का कद बढ़ा, विधानसभा में गृह विभाग सहित 4 स्थायी समितियों का सदस्य नियुक्त किया गया
भारतीय जनता पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का कद बढ़ गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय जनता पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ( Babul Supriyo ) का कद बढ़ गया है. टीएमसी के विधायक बाबुल सुप्रियो को गृह मामलों समेत बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) की चार स्थायी समितियों का सदस्य बनाया गया है. बालीगंज से विधायक बाबुल सुप्रियो को कार्मिक और प्रशासनिक सुधार, बंदी प्रशासन तथा विधि एवं न्यायिक मामलों की स्थायी समितियों का भी सदस्य नियुक्त किया गया. विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि यह नियुक्ति 12 मई से प्रभावी होगी.
सुप्रियो पिछले महीने बालीगंज सीट पर उपचुनाव में विजयी हुए थे. बंगाल विधानसभा के उपाध्यक्ष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नवनिर्वाचित विधायक बाबुल सुप्रियो को सदन के सदस्य के रूप में बुधवार को शपथ दिलाई और इसी के साथ इस बात को लेकर कई सप्ताह से जारी अनिश्चितता भी खत्म हो गई कि उन्हें कौन शपथ दिलाएगा.
बाबुल सुप्रियो के शपथ को लेकर पैदा हुआ था विवाद
राज्यपाल जगदीप धनखड़ इस बात पर अड़े रहे कि वह इस कार्य के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष को मनोनीत करने के अपने फैसले को नहीं बदलेंगे. गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो पिछले महीने बालीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी ने शपथ दिलाई. बाबुल सुप्रियो ने कहा, ऐतिहासिक पश्चिम बंगाल विधानसभा का हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है. यह एक नया अनुभव होगा. बाबुल सुप्रियो आसनसोल से दो बार बीजेपी के सांसद निर्वाचित हुए थे,लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के बाद नाराज होकर बीजेपी के सांसद पद से इस्तीफा देते हुए राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में ममता बनर्जी के आमंत्रण पर टीएमसी में शामिल हो गए थे.
हाल में बालीगंज विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं बाबुल सुप्रियो
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रहे सुप्रियो 16 अप्रैल को टीएमसी विधायक चुने गए, लेकिन उनके शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही. आमतौर पर, विधानसभा के नए सदस्य को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को नामित किया जाता है, लेकिन धनखड़ ने विधानसभा उपाध्यक्ष को इस कार्य के लिए नामित करने का फैसला किया. सुप्रियो द्वारा अध्यक्ष से उन्हें शपथ दिलाने की अनुमति मांगने के बावजूद राज्यपाल ने अपने फैसले पर कायम रहने का फैसला किया. उसके बाद अंततः राज्यपाल के सुझाव के अनुरूप से बाबुल सुप्रियो को पिछले बुधवार को शपथ दिलाई गई थी.