West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार (27 जुलाई) को नीति आयोग की बैठक से बीच में ही उठकर चली गईं. इसके बाद उन्होंने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है. वहीं, इस प्रकरण पर पूर्व भाजपा किसान मोर्चा फ़ायर ब्रांड नेता राहुल प्रधान ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी. सबको 5 मिनट का समय मिला था, उन्हें जब 5 मिनट हो गए तो उन्हें चेतावनी दी गई कि उनका समय समाप्त हो गया है. इस पर वे यह कहते हुए बैठक से चली गईं कि 'पक्षपात किया जा रहा है, उन्हें कम समय दिया गया और दूसरों को अधिक समय दिया गया तथा नीति आयोग राजनीति से प्रेरित है.'
ममता बनर्जी का क्या है आरोप?
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित नीति आयोग की बैठक में उनका माइक बंद कर दिया गया, ताकि वह बोल ना सकें. उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ पांच मिनट बोलने दिया गया. इसके बाद उनका माइक बंद कर दिया गया. इसकी वजह से उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया. उन्हें लंच के बाद बोलने का मौका दिया जाना था, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध के बाद उन्हें लंच से पहले ही सातवें नंबर पर बोलने का मौका दिया गया, क्योंकि उन्हें किसी कार्यक्रम के लिए जाना था.
सीएम नीतीश को लेकर आरजेडी का बड़ा दावा
वहीं, दिल्ली में शनिवार को हुई नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 'इंडिया' गठबंधन के कई मुख्यमंत्री भी शामिल नहीं हुए. एनडीए में शामिल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बैठक में शामिल नहीं होने पर विपक्ष सवाल उठा रहा है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार जाकर भी क्या करते? नीतीश कुमार अंदर से बीजेपी से पूरी तरह नाराज हैं और उनको डर भी सता रहा है कि बीजेपी उनके साथ खेल करेगी. नीतीश कुमार की क्या गारंटी है कि वह पाला नहीं बदलेंगे?