पुलिसकर्मी ने किया मूक-बधिर किशोरी का यौन उत्पीड़न

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Update: 2022-04-24 16:10 GMT

कोलकाता। बंगाल में लगातार दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है। एक बाद एक मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन पर लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है और अधिकांश मामलों में सीबीआइ जांच की मांग हो रही है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने तो पिछले आठ माह में 11 मामलों की जांच सीबीआइ को सौंप चुकी है जिसमें से एक दुष्कर्म का भी मामला है।

वहीं पांच मामले की जांच के लिए आइपीएस दमयंती सेन की निगरानी में कमेटी बनाई है। अब एक बार फिर रक्षक ही भक्षक वाला काम एक सिपाही ने कर दिया है। कोलकाता में एक दिव्यांग(मूक-बिधर) किशोरी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप एक सिपाही लगा है। आरोप में कोलकाता पुलिस के उक्त सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार शुक्रवार शाम को दिव्यांग किशोरी अपनी मांग के साथ उल्टाडांगा इलाके में ओटो रिक्शा में सवार थी। आरोपित सिपाही भी उसी आटो से यात्रा कर रहा था। आरोप है कि कोलकाता पुलिस के कांस्टेबल देबू मंडल ने यात्रा के दौरान ही बच्ची का यौन उत्पीड़न किया। लड़की ने मामले की जानकारी अपनी मां को दी तो उसने 100 नंबर पर काल कर शिकायत की।
शिकायत मिलते ही पुलिस आई और शिकायतकर्ता व आरोपित को मानिकतल्ला थाने ले गई। उसके बाद मानिकतल्ला थाने की पुलिस ने उस आरोप के आधार पर सिपाही को गिरफ्तार कर लिया। पता चला है कि गिरफ्तार कांस्टेबल कोलकाता पुलिस के रिजर्व फोर्स का सदस्य है। उसके खिलाफ पाक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस कर्मियों के इस व्यवहार से हर कोई हैरान है। इस समय पिछले कुछ माह से राज्य के अलग-अलग हिस्सों से दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न और अभद्रता के मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस पर पूरे मामले को छिपाने का प्रयास करने का आरोप है। इस बार, एक पुलिसकर्मी पर सार्वजनिक परिवहन पर एक मूक-बधिर लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है।

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