SSC शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में मंत्री पार्थ चटर्जी को मिली राहत, हाईकोर्ट ने CBI पूछताछ पर लगाई रोक

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के मंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Parth Chatterjee) को एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में चार हफ्ते और राहत मिल गई है.

Update: 2022-04-13 09:05 GMT

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के मंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Parth Chatterjee) को एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में चार हफ्ते और राहत मिल गई है. कलकत्ता हाई कोर्ट( Calcutta High Court) की खंडपीठ ने आदेश दिया है कि सीबीआई 13 मई तक एसएससी से जुड़े किसी भी मामले में पार्थ चटर्जी को तलब या पूछताछ नहीं कर पाएगी. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी. न्यायाधीश आनंद कुमार मुखर्जी और जस्टिस सुब्रत तालुकदार की खंडपीठ ने एसएससी (SSC) से जुड़े सभी मामलों में सिंगल बेंच के सभी दिशा-निर्देशों पर रोक लगा दी है. यानी सीबीआई 13 मई तक एसएससी से जुड़े किसी भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगी.

खंडपीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता वाली जांच समिति ही जांच करेगी. बाग कमेटी पहले ही अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप चुकी है. कमेटी के अध्यक्ष जांच से इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन अदालत ने फैसला सुनाया कि इस्तीफा स्वीकार्य नहीं है. दूसरे शब्दों में मामले में सीबीआई की जांच पर फिलहाल स्टे लगा दिया गया है.
एकल पीठ ने सीबीआई के समक्ष हाजिर होने का दिया था निर्देशउल्लेखनीय है कि एक दिन पहले न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने पार्थ चटर्जी को शाम 5:30 बजे तक सीबीआई दफ्तर में हाजिर होने का निर्देश दिया था. इसके तुरंत बाद वह न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार और आनंद कुमार मुखर्जी की जा पहुंचे थे जिसके बाद कोर्ट ने पहले आज यानी बुधवार सुनवाई होने तक कार्रवाई पर रोक लगाई थी और अब चार हफ्ते की राहत दे दी है. बता दें कि सिंगल बेंच के फैसले ने एक रात के लिए स्टे का आदेश दिया था. बुधवार को फिर मामले की सुनवाई हुई. इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री को अब सीबीआई के सामने पेश होने की जरूरत नहीं है. साथ ही डिवीजन बेंच ने कहा कि जांच समिति उन मामलों पर भी काम कर रही है, जिनमें सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था.
शिक्षक भर्ती धांधली मामले की जांच कर रही है सीबीआई
खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि उन मामलों के मामले में सीबीआई ने जांच के निर्देश दिए हैं, जो फिलहाल कमेटी करेगी. फिलहाल सीबीआई इस मामले की चार हफ्ते से जांच कर रही है. आरोप है कि नियुक्ति से पहले गठित सिफारिश समिति पार्थ चटर्जी के निर्देश पर बनी थी. इस सन्दर्भ में वकील सुदीप्त दासगुप्ता ने कहा, "अदालत ने फैसला सुनाया है कि सिफारिश समिति का गठन अवैध है. जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति का गठन किसी सरकारी आदेश से नहीं हुआ था."
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