भाजपा विधायकों के निलंबन के खिलाफ पहुंचा हाई कोर्ट, संसदीय कार्यमंत्री ने भाजपा पर साधा निशाना
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा में बुधवार को विपक्षी भाजपा सदस्यों ने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान की मांग करते हुए सदन से दूसरे दिन भी वाकआउट किया। सदन में प्रश्नकाल जैसे ही समाप्त हुआ, भाजपा के एक सदस्यों ने खड़े होकर चुनाव-बाद हिंसा और एक नेता के विवादित बयान के परिणामस्वरूप राज्य में अशांति की हालिया स्थिति पर सरकार से बयान की मांग की। उनके साथ सदन में मौजूद भाजपा के अन्य सदस्य भी अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए। भाजपा सदस्यों ने पूछा कि आखिरकार मुख्यमंत्री ने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चुप्पी क्यों साध रखी है? बुधवार को विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए।
इसके बाद भाजपा विधायक विशाल लामा ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में अशांति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो पुलिस मंत्री भी हैं को आड़े हाथों लिया। इसके बाद हिंसा पर तत्काल कार्रवाई नहीं की बात कहते हुए विधायक ने पुलिस मंत्री के इस्तीफे की मांग किया। इसके बाद भाजपा विधायक सदन के बाहर पोर्टिको में पहले से ही धरना पर बैठे पार्टी के निलंबित सदस्यों के साथ वहां बैठकर नारेबाजी करने लगे। बाद में, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सदन के बाहर पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा 2019 की तरह ही इस बार भी पूरी तरह विफल होगी, जिन्होंने उस वक्त भी आम चुनावों से पहले सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का प्रयास किया था। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 2024 में भी भारी बहुमत से सत्ता में आएगा।
संसदीय कार्यमंत्री ने भाजपा पर साधा निशाना
भाजपा के वाकआउट पर संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि भाजपा विधायकों को विधानसभा की गरिमा का ख्याल नहीं है। उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। सूवेंदु अधिकारी पर नाम लिए बिना निशाना साधते हुए है कि वह बंगाल के सम्मान को नुकसान पहुंचा कर खुश हो रहे हैं। हमलोग तीस विधायक थे तभी सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेते थे।
भाजपा विधायकों के निलंबन के खिलाफ पहुंचा हाई कोर्ट
राज्य में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी समेत सात विधायकों के निलंबन को फिर बुधवार को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। इस बार मामला जस्टिस राजशेखर मंथा की पीठ में दायर किया गया है। विधानसभा स्पीकर की ओर एडवोकेट जनरल सौमेंद्र नाथ मुखर्जी ने कोर्ट में कहा कि सुवेंदु अधिकारी समेत बाकी सदस्य फिर से आवेदन करें। स्पीकर उक्त आवेदन को स्वीकार करेंगे और विधानसभा में ही सुलझा लिया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी। बुधवार को विधानसभा सत्र की समाप्ति पर स्पीकर बिमन बनर्जी ने कहा कि हम चाहते थे कि वे प्रस्ताव पेश करें। फिर आज हम चर्चा करेंगे और सहानुभूति के साथ मामले को देखेंगे। हालांकि अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है। इससे पहले विधानसभा के बजट सत्र के उद्घाटन के दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान शोर मचाने पर भाजपा के दो विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। बाद में बजट सत्र के आखिरी दिन हंगामा व मारपीट हुई थी।