ईडी की पूछताछ का मतलब मुझे इंडिया गठबंधन की बैठक में जाने से रोकना था : अभिषेक बनर्जी
कोलकाता (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया है कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पूछताछ के लिए उसी दिन को चुना, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की समन्वय समिति की पहली बैठक में शामिल न हो पाएं।
लगभग 10 घंटे तक चली मैराथन पूछताछ के बाद रात 9 बजे से थोड़ा पहले ईडी कार्यालय से बाहर निकलने के बाद तृणमूल सांसद ने कहा, “इंडिया के घटक दलों के सदस्यों ने मुझे ईडी के समन को नजरअंदाज करने और समन्वय समिति की बैठक में भाग लेने की सलाह दी थी। लेकिन मैंने ईडी कार्यालय आने का फैसला किया। मैंने इंडिया के सदस्यों से बैठक को स्थगित न करने का भी अनुरोध किया और बुधवार सुबह 11.32 बजे ईडी कार्यालय पहुंचा।“
उन्होंने दावा किया कि इंडिया की बैठक के दिन ईडी द्वारा उन्हें तलब किया जाना विपक्षी गठबंधन में तृणमूल के महत्व को दर्शाता है।
बनर्जी ने कम सजा दर को आधार बनाते हुए ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, "इतनी कम सजा दर से पता चलता है कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई अधिकांश जांच मात्र राजनीति से प्रेरित हैं।"
बनर्जी ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ईडी और सीबीआई पिक एंड चूज़ के आधार पर मामलों को आगे बढ़ा रहे हैं। हमें भाजपा शासित राज्यों में ऐसी कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है। साथ ही, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सताए जा रहे विपक्षी दलों के किसी भी नेता को भाजपा में शामिल होते ही क्लीन चिट मिल जाती है।”
उन्होंने पूछताछ का ब्योरा देने से हालांकि इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि ऐसा लगता है कि उनसे जो सवाल पूछे गए, वे कुछ पूर्वकल्पित धारणाओं से भरे हुए थे।
बनर्जी ने समन्वय समिति की पहली बैठक के दिन उनके प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए इंडिया के अन्य घटक दलों के नेताओं को भी धन्यवाद दिया।
तृणमूल नेता ने भाजपा पर महंगाई, बेरोजगारी और सांप्रदायिक नफरत जैसे ज्वलंत मुद्दों पर लोगों के बीच बढ़ती शिकायतों के खिलाफ जवाबी बयान तैयार करने के लिए जानबूझकर एजेंसी मार्ग का उपयोग करने का भी आरोप लगाया।