कोलकाता (आईएएनएस)। प्रवर्तन (ईडी) ने मंगलवार को अभिनेत्री से नेता बनी तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य नुसरत जहां को समन जारी किया है। इसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी नेतृत्व ने सांसद से दूरी बनानी शुरू कर दी है।
ईडी ने नुसरत जहां को समन भेजकर एक संदिग्ध कॉर्पोरेट इकाई की निदेशक के रूप में उनके पिछले जुड़ाव पर पूछताछ के लिए तलब किया, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को उचित दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।
तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस रॉय ने कहा कि केवल नुसरत जहां ही इस मामले में जवाब देने में सक्षम हैं। पार्टी की ओर से टिप्पणी करने के लिए कुछ भी नहीं है। सत्तारूढ़ दल का कोई भी अन्य नेता इस मामले में कोई सवाल उठाने को तैयार नहीं है, जबकि नुसरत जहां की ओर से भी कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
ईडी ने नुसरत जहां के अलावा उक्त कॉर्पोरेट इकाई 7 सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के एक अन्य निदेशक राकेश सिंह को भी तलब किया है। दोनों को 12 सितंबर को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक स्थित केंद्रीय एजेंसी के केंद्रीय सरकारी कार्यालय (सीजीओ) कॉम्प्लेक्स कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
इस साल अगस्त में जब उसी कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई तो नुसरत जहां का नाम सामने आया। उनके पति यश दासगुप्ता ने विश्वास जताया था कि उनकी पत्नी को ईडी कभी भी तलब नहीं करेगा, क्योंकि उनके खिलाफ आरोपों में कोई दम नहीं है।
दासगुप्ता ने 5 अगस्त को कहा था कि ''करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। मुझे यकीन है कि ईडी उन्हें नहीं बुलाएगी।''