ED की अभिषेक बनर्जी से 9 घंटे की पूछताछ, TMC सांसद बोले- आकाओं को खुश कर रहे अधिकारी

आकाओं को खुश कर रहे अधिकारी

Update: 2023-09-14 11:11 GMT
पश्चिम बंगाल: में कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद यहां ईडी कार्यालय से बाहर निकले अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि ईडी के अधिकारी राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए मुझसे पूछताछ कर रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उनकी पार्टी को विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में अपनी भूमिका निभाने से रोकना चाहती है. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुझे उस दिन पेश होने को कहा, जिस दिन विपक्षी गठबंधन INDIA की समन्वय समिति की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि ईडी का समन मुझे इस बैठक में शामिल होने से रोकने के लिए था.
अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे पूछताछ
वहीं अधिकारियों ने बताया कि टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी से एजेंसी के अधिकारियों ने बुधवार दिन में 11:30 बजे से लेकर रात 8 बजकर 40 मिनट तक पूछताछ की. ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि अभिषेक बनर्जी को स्कूल भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में साक्ष्य देने के लिए बुलाया गया था.
अलायंस INDIA की समन्वय समिति की बैठक
दरअसल डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी को बुधवार को दिल्ली में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) की समन्वय समिति की बैठक में शामिल होना था. हालांकि ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने के कारण वह इस बैठक में शामिल नहीं हो सके.
ईडी के एक अधिकारी ने पूछताछ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उनके तीन साथी अधिकारियों ने कथित तौर पर घोटाले में शामिल कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स के साथ सांसद अभिषेक बनर्जी की भूमिका और संलिप्तता के बारे में उनसे पूछताछ की. जब उनसे पूछा गया कि क्या अभिषेक बनर्जी ने ईडी अधिकारियों के साथ सहयोग किया तो अधिकारी ने हां में जवाब दिया.
कलकत्ता हाईकोर्ट में हलफनामा दायर
अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक पूरक हलफनामा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया कि जब ईडी के पहले के समन को चुनौती देने वाला उनका पुनरीक्षण आवेदन लंबित है तो एजेंसी का नया समन कानूनी रूप से वैध नहीं है. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि अभिषेक बनर्जी ने हाईकोर्ट में दायर एक पुनरीक्षण याचिका में न केवल पूरी जांच को चुनौती दी है, बल्कि एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए पिछले समन को भी चुनौती दी है.
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