एक फीसदी न्यायतंत्र से परेशान CM ममता के सांसद भतीजे, CBI जांच के आदेश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जजों को निशाने पर लिया है।

Update: 2022-05-29 08:17 GMT

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) के सासंद भतीजे आजकल सीबीआई और जजों से परेशान हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने सीबीआई जांच का आदेश देने के लिए न्यायपालिका के एक प्रतिशत हिस्से पर निशाना साधा। पूर्वी मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो सांसदों को शामिल कर केंद्रीय एजेंसियों के उत्पीड़न का बदला लिया है। अपने आरोपों को स्पष्ट किए बिना बनर्जी ने कहा कि मुझे ये कहते हुए शर्म आती है कि न्यायपालिका में एक-दो ऐसे लोग हैं, जिनकी मिलीभगत है और हर मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे रहे हैं। ये न्यायपालिका का सिर्फ एक प्रतिशत है।

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर आप सोचते हैं कि सच बोलने पर मेरे खिलाफ कार्रवाई करेंगे तो मैं हजार बार सच बोलूंगा। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले कुछ महीनों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा भर्ती प्रक्रिया समेत कई मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। बनर्जी ने कहा कि हमें धमकाने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग किया जा रहा है। राज्य का अपमान करने के लिए उन्होंने मुझे पश्चिम बंगाल से जुड़े मामलों में दो बार दिल्ली बुलाया था। वे मुझे परेशान करने की कोशिश कर रहे थे। मैंने भाजपा के दो सांसदों को पार्टी में शामिल कर उन्हें करारा जवाब देने का फैसला किया।

बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह पिछले सप्ताह टीएमसी में शामिल हुए, जबकि आसनसोल से सांसद रहे बाबुल सुप्रियो पिछले साल सितंबर में पार्टी में आए थे। डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने दावा किया कि अगर हम अपने दरवाजे खोलेंगे तो बंगाल में भाजपा का वजूद खत्म हो जाएगा। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए, बनर्जी ने दावा किया कि उन्होंने सीबीआई और ईडी से खुद को बचाने के लिए मेदिनीपुर की विरासत का सौदा किया। बनर्जी ने कहा, 'एक व्यक्ति था जो सरकार और पार्टी के बीच बाधक बना हुआ था। मैं यहां उस अवरोधक को हटाने आया हूं। ईडी और सीबीआई से खुद को बचाने के लिए उस व्यक्ति ने अपनी आत्मा, विरासत और मेदिनीपुर की भावना को बेच दिया है। वह एक एहसान-फरामोश व्यक्ति है।

भाजपा नेताओं के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले स्थिति अलग थी। बनर्जी ने कहा, 'लगभग हर दिन, राज्य के विभिन्न हिस्सों के नेता टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, नतीजों के बाद तस्वीर बदल गई।' उन्होंने कहा कि टीएमसी हल्दिया नगरपालिका चुनाव में पार्टी से पुराना जुड़ाव रखने वाले नेताओं को मैदान में उतारेगी। जो लोग अन्य पार्टियों से टीएमसी में शामिल हुए हैं, उन्हें हल्दिया नगरपालिका चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा। किसी ठेकेदार को टिकट नहीं मिलेगा। पार्टी के लिए वर्षों तक मेहनत करने वालों को ही पुरस्कृत किया जाएगा।

बनर्जी पर पलटवार करते हुए भाजपा ने दावा किया कि न्यायपालिका पर बनर्जी की टिप्पणियों ने सत्तारूढ़ पार्टी में उत्पन्न घबराहट को प्रदर्शित किया है। भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा,'टिप्पणियों से पता चलता है कि टीएमसी नेताओं के मन में न्यायपालिका के लिए कोई सम्मान नहीं है। इससे यह भी पता चलता है कि टीएमसी को डर है कि सीबीआई जांच से सच्चाई सामने आ सकती है।' प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अदालत ने उपयुक्त मामलों में ही सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए हैं। अदालत ने आदेश दिया है, देश के प्रत्येक नागरिक को इसका पालन करना होगा और इसका सम्मान करना होगा। अभिषेक बनर्जी के इस तरह के बयान अस्वीकार्य हैं।

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