कलकत्ता हाई कोर्ट ने गंगासागर मेले के आयोजन की अनुमति दी, बंगाल सरकार को दिए ये निर्देश

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने शुक्रवार को गंगासागर मेले (Gangasagar mela) के आयोजन की अनुमति दे दी है,

Update: 2022-01-07 17:16 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने शुक्रवार को गंगासागर मेले (Gangasagar mela) के आयोजन की अनुमति दे दी है, लेकिन साथ ही एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है जो मेले में कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol)का उल्लंघन होने पर राज्य को सागर द्वीप पर प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कर सकता है. फिलहाल गंगासागर मेला (Gangasagar mela) आठ जनवरी, शनिवार से शुरू होना है.

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) को निर्देश दिया है कि वह मेला स्थल सागर द्वीप को 24 घंटों के भीतर 'नोटिफाइड एरिया' घोषित करे. सागर द्वीप को नोटिफाइड एरिया घोषित करने पर राज्य को जरुरत के अनुरुप तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण के संबंध में कदम उठाने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा.
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति के. डी. भूटिया की खंड पीठ ने गृह सचिव को निर्देश दिया कि वह मेला के दौरान 8 से 16 जनवरी तक बिना किसी चूक के सरकार द्वारा लगायी गई पाबंदियों का सख्ती के पालन सुनिश्चित करें.
खंडपीठ ने तीन सदस्यीय समिति के गठित करने का निर्देश दिया है जो निगरानी रखेगी कि राज्य सरकार द्वारा लगायी गई पाबंदियों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो रहा है या नहीं क्योंकि पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने चिंता जतायी है कि प्रोटोकॉल के संबंध में दिया गया सरकार का हलफनामा सिर्फ कागजी कार्रवाई है और इसे वास्तव में लागू नहीं किया जाएगा.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि प्रस्तावित समिति में विधानसभा में विपक्ष के नेता या उनके प्रतिनिधि, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि और राज्य सरकार के प्रतिनिधि, कुल तीन लोग सदस्य होंगे. राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि सारी व्यवस्थाएं हो जाने के तथ्य के मद्देनजर वह इस समय मेला पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है.

हलफनामे में कहा गया है कि करीब तीस हजार लोग पहले ही मेला स्थल पर पहुंच चुके हैं और साधु संतों सहित करीब पचास हजार लोग अलग अलग स्थानों पर पहुंच चुके हैं. हलफनामे में कहा गया था कि कोविड की वजह से इस बार श्रृद्धालुओं की संख्या कम है और करीब चार से पांच लाख तीर्थयात्रियों के ही यहां आने की उम्मीद है.


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