BSF ने फिर इंसानियत धर्म की मिसाल की पेश, बेटी को मां के अंतिम दर्शन नसीब हुए

BSF ने फिर इंसानियत धर्म की मिसाल पेश की। इस दफा BSF की पहल से बांग्लादेशी बेटी को मां के अंतिम दर्शन नसीब हुए।

Update: 2022-05-22 09:46 GMT

BSF ने फिर इंसानियत धर्म की मिसाल पेश की। इस दफा BSF की पहल से बांग्लादेशी बेटी को मां के अंतिम दर्शन नसीब हुए। नदिया के सीमावर्ती गांव मटियारी (बागनपारा) के तोता मंडल ने 54वीं वाहिनी सीमा चौकी मटियारी कंपनी कमांडर को अपनी मां हवा मंडल के 21 मई को निधन की जानकारी दी। उसने कहा कि उसकी बहन अन्तरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार बांग्लादेश में रहती है। अगर BSF मदद करे तो बहन को अपनी मां के अंतिम दर्शन नसीब हो सकता। मृतक की बेटी माबिया बीबी बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव माधोपखाली, चुआडंगा बांग्लादेश में रहती है। जोकि अंतराष्ट्रीय सीमा से तकरीबन 1 किलोमीटर दूरी पर हैं।

मानवीय मूल्यों में सदैव तत्पर
कमांडिंग ऑफिसर देशराज सिंह ने बताया कि बीएसएफ देश की सुरक्षा के साथ सीमा वासियों के सुख- दुख समेत उनके धार्मिक और सामाजिक मूल्यों का भी ख्याल रखती है।जब बात इंसानियत व मानवीय मूल्यों की आती है तो वह सदैव तत्पर रहती है।मानवीयता भावनात्मक पहलू को ध्यान में रख बिना देर किए तुरंत बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से संपर्क किया गया। बीएसएफ के अनुरोध के बाद बीजीबी ने भी मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए कदम आगे बढ़ाया। लिहाजा दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने आपसी सहयोग के मद्देनजर मानवता को सर्वोपरि रख बांग्लादेश में रहने वाली बहनों को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जीरो लाइन पर 21 मई को मां के अंतिम दर्शन कराने की व्यवस्था की। इस तरह बेटी को अपनी मां के अंतिम दर्शन संभव हुए।
अंतिम दर्शन के वक्त माहौल गमगीन
जब बेटी ने मां के अंतिम दर्शन किए तो वहां का माहौल गमगीन हो गया। अंतिम दर्शन के दरम्यान मृतक की बेटी ने सीमा सुरक्षा बल की इस पहल के लिए आभार प्रकट किया। और कहा कि बीएसएफ की मानवीयता के चलते हमें अपनी मां के अंतिम दर्शन नसीब हुए।


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