बंगाल भर्ती घोटाला : 'परीक्षा में विशेष कोड वाली ओएमआर शीट का इस्तेमाल किया गया'
कोलकाता, (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यहां प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष रोकथाम अदालत को बताया कि ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट के साथ विशेष सांकेतिक कोड के अलावा पूरी उत्तर पुस्तिका में सिर्फ दो प्रश्न हैं। प्राथमिक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में इनका इस्तेमाल किया गया जो भर्ती प्रक्रिया से जुड़े 'पूरे घोटाले की जड़' थे। तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्रारंभिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य की जमानत अर्जी पर बुधवार को सुनवाई करते हुए ईडी के वकील ने अदालत को बताया कि सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती के लिए पैसे देने वाले उम्मीदवारों को केवल उन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर विशेष कोड के साथ देने को कहा गया था और शेष प्रश्नों को अनुत्तरित रखने को कहा गया था।
कोड वाले ओएमआर शीट के साथ केवल दो प्रश्नों के उत्तर दिए गए थे। जिन उम्मीदवारों ने पैसे का भुगतान किया था, उनकी भर्ती के लिए सिफारिश की गई थी। ईडी के वकील ने यह भी कहा कि माणिक भट्टाचार्य और गिरफ्तार युवा तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष इस घोटाले की रणनीति बनाने वाले मुख्य दिमाग थे।
ईडी के वकील ने कहा, "कभी पश्चिम बंगाल को अपनी समृद्ध शिक्षा प्रणाली के लिए देश में सबसे अच्छा माना जाता था। लेकिन इस समय स्थिति यह है कि छात्र समुदाय अपने राज्य में पढ़ने से डरते हैं और इसलिए वे उच्च अध्ययन के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। माणिक भट्टाचार्य और कुंतल घोष ने इस मामले में जिस तरह साजिश रची थी, वह हत्या के बराबर है।"
उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि 2012 और 2014 में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में जालसाजी की यही प्रणाली अपनाई गई थी।
--आईएएनएस