बंगाल के राज्यपाल कार्यालय ने राजभवन के बाहर तृणमूल के आंदोलन पर राज्य सरकार से जवाब मांगा
कोलकाता (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के अधिकारी ने रविवार को राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि पुलिस प्रशासन राजभवन के सामने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन की अनुमति कैसे दे सकता है, जबकि परिसर के 150 मीटर क्षेत्र के दायरे में पूरे साल चौबीसों घंटे निषेधाज्ञा लागू रहती है।
राज्यपाल कार्यालय से मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी को एक विज्ञप्ति भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।
संयोग से, राज्यपाल, जो इस समय दार्जिलिंग में हैं, ने अपना दौरा बीच में छोड़कर रविवार को कोलकाता लौटने का फैसला किया है क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल नेता सामने गुरुवार शाम से राजभवन के सामने मैराथन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बनर्जी ने दावा किया है कि जब तक राज्यपाल कोलकाता वापस आकर तृणमूल प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलते और मनरेगा जैसी विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत पश्चिम बंगाल को केंद्रीय बकाया देने में केंद्र सरकार की अनिच्छा के मुद्दे पर चर्चा नहीं करते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
हालांकि राजभवन के सूत्रों ने राज्यपाल के रविवार को शहर लौटने की पुष्टि की है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वह तृणमूल प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे या नहीं।
मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में राज्यपाल कार्यालय ने तीन प्रश्नों पर स्पष्टीकरण मांगा है। पहला यह कि क्या कोलकाता पुलिस ने राजभवन के सामने अस्थायी मंच बनाकर धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत दी थी। दूसरा, यदि शहर पुलिस ने इसकी अनुमति दी थी तो यह किस कानूनी प्रावधान के तहत दी गयी थी। तीसरा, यदि उसने अनुमति नहीं दी थी तो पिछले तीन दिन से पुलिस की अनुमति के बिना धरना-प्रदर्शन किये जाने के मामले में नगर पुलिस ने क्या कार्रवाई की है।