अग्निपथ योजना से तैयार होने वाले अग्निवीरों को गार्ड की नौकरी देने के भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने निशाना साधा है। मोइत्रा ने ट्वीट कर विजयवर्गीय को अग्निपथ का विलेन करार दिया। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जयराम रमेश व भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी विजयवर्गीय के बयान की आलोचना की थी।
भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने हालांकि, अपने बयान को लेकर तुरंत अपना मंतव्य स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टूलकिट गैंग ने उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया। बवाल मचने के बाद विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा कि अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे। सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वे जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा। मेरा कहने का आशय यही था।
इससे पहले विजयवर्गीय ने शनिवार को इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा था, 'जब कोई अग्निवीर प्रशिक्षण लेगा और 21 से 25 साल की उम्र में 4 साल तक रक्षा क्षेत्र में सेवा करने के बाद बाहर आएगा तो उसके पास 11 लाख रुपये होंगे। उसके पास अग्निवीर का दर्जा होगा। अगर मैं भाजपा कार्यालय के लिए सुरक्षा गार्ड रखना चाहू हूं, तो अग्निवीर को प्राथमिकता दूंगा।' उनके इस बयान की कई नेताओं ने आलोचना की थी।
मोइत्रा ने यह तंज कसा
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी की सांसद मोइत्रा ने भी ट्वीट कर विजयवर्गीय पर निशाना साधा। मोइत्रा ने कहा, 'भाजपा महासचिव ने कहा कि अगर मुझे भाजपा कार्यालय के लिए सुरक्षा गार्ड चुनना है तो मैं अग्निवीर को चुनूंगा। हां, अगर भारत को अग्निपथ के लिए खलनायक चुनना पड़ा तो मुझे यकीन है कि वे आपको भी चुनेंगे।'
राहुल गांधी ने यह कहा था
मामले में राहुल गांधी ने हिंदी में ट्वीट कर कहा था, 'जिन लोगों ने आजादी के 52 सालों में तिरंगा नहीं फहराया उनसे हमारे जवानों के सम्मान की अपेक्षा नहीं की जा सकती। युवाओं में सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करने का उत्साह है न कि भाजपा कार्यालयों के सुरक्षा गार्ड बनने का। मामले में पीएम मोदी की चुप्पी इस अपमान का समर्थन है।'
वरुण गांधी ने भी साधा था निशाना
इससे पहले भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी ट्वीट करते हुए विजयवर्गीय पर परोक्ष निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना के जवानों की वीर गाथाओं को व्यक्त करने में समूचा शब्दकोश अपर्याप्त साबित होता है। उनके पराक्रम की वीर गाथाएं पूरी दुनिया में गाई जाती हैं। उस वीर भारतीय सैनिक की सेवाओं को किसी पार्टी के दफ्तर के आगे सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करते हुए देखने की बात दुर्भाग्यपूर्ण है।