Kolkata कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 31 अक्टूबर को काली पूजा और दिवाली से पहले आतिशबाजी बेचने के लिए 72 मेले लगेंगे, एक उद्योग अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सारा बांग्ला आतिशबाजी उन्नयन समिति के अध्यक्ष बबला रॉय ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हाल ही में राज्य सचिवालय नबन्ना में मुख्य सचिव मनोज पंत और आतिशबाजी उद्योग के प्रतिनिधियों की बैठक में इस तरह के मेले आयोजित करने का निर्णय लिया गया। पिछले साल पूरे राज्य में इस तरह के 52 मेले आयोजित किए गए थे। रॉय ने कहा कि हर उपमंडल में एक समिति बनाई जाएगी जो सुरक्षा मुद्दों की जांच करने के लिए स्टॉल का दौरा करेगी और उसके अनुसार जिला मजिस्ट्रेट मंजूरी जारी करेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसे बाजारों में केवल पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन या राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) के हॉलमार्क वाले पटाखे ही बेचे जाएंगे। किसी भी आतिशबाजी की ध्वनि सीमा 125 डेसिबल के भीतर होनी चाहिए। राज्य के एक अधिकारी ने बताया कि पटाखों को निर्धारित सीमा के भीतर बनाया गया है या नहीं, इसकी जांच के लिए परीक्षण केंद्र बनाए जाएंगे। समितियों में पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। शहर के मैदान और ताला पार्क तथा बारासात, मालदा, बालुरघाट, मेदिनीपुर और सूरी जैसे जिलों के कस्बों में ये अस्थायी बाजार काली पूजा और दिवाली से कुछ दिन पहले लगाए जाएंगे।