बाड़ा-बामसू मोटर मार्ग पर चलना मतलब मौत को दावत देना
बच्छस्यूं पट्टी के बामसू गांव को जोड़ने वाला बाड़ा-बामसू मोटर मार्ग मौत को दावत दे रहा है. आलम यह है कि बरसात के दौरान मार्ग पर क्षतिग्रस्त दीवारों के निर्माण के साथ ही मलबा नहीं हटाया गया है.
जनता से रिश्ता। बच्छस्यूं पट्टी के बामसू गांव को जोड़ने वाला बाड़ा-बामसू मोटर मार्ग मौत को दावत दे रहा है. आलम यह है कि बरसात के दौरान मार्ग पर क्षतिग्रस्त दीवारों के निर्माण के साथ ही मलबा नहीं हटाया गया है. ऐसे में वाहन स्वामियों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. इसके अलावा तीन गांवों में पेयजल आपूर्ति को लेकर निर्मित पेयजल योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीणों में संबंधित विभागों के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है.बच्छणस्यूं पट्टी क्षेत्र में फैली समस्याओं को लेकर बामसू की प्रधान सुधा कंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए समस्याओं के समाधान की मांग की. ज्ञापन में प्रधान ने कहा कि लोनिवि रुद्रप्रयाग के अन्तर्गत बच्छणस्यूं पट्टी के बामसू गांव को जोड़ने वाला बाड़ा-बामसू मोटरमार्ग मौत को दावत दे रहा है. इस मार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है. मार्ग पर बिछाया गया डामर उखड़ चुका है और मार्ग जानलेवा बना हुआ है. बामसू गांव के लोगों को मजबूरी में इसी मोटरमार्ग से आवाजाही करनी पड़ती है.