उत्तराखंड का जवान हुआ हनी टैप का शिकार, ISI को मिली जानकारी
हरिद्वार के रुड़की के कृष्णा नगर निवासी प्रदीप कुमार को सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर ने जोधपुर से गिरफ्तार किया है
रुड़कीः हरिद्वार के रुड़की के कृष्णा नगर निवासी प्रदीप कुमार को सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर (CID Intelligence Jaipur) ने जोधपुर से गिरफ्तार (Pradeep Kumar arrested from Jodhpur) किया है. आरोप है कि प्रदीप कुमार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को खुफिया जानकारी दे रहा था. जानकारी के तहत, भारतीय सेना की अति संवेदनशील रेजिमेंट जोधपुर में कार्यरत प्रदीप कुमार सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी महिला एजेंट से निरंतर संपर्क में है. आरोपी प्रदीप कुमार तीन साल पहले ही भारतीय सेना में भर्ती हुआ था.
इंटेलिजेंस की निगरानी में सामने आया कि प्रदीप कुमार पाकिस्तानी महिला एजेंट से सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर संपर्क में है और सामरिक महत्व की सूचनाएं शेयर कर रहा है. इसके बाद प्रदीप कुमार पर कार्रवाई करते हुए 18 मई दोपहर में हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई, तब जाकर नए-नए खुलासे हुए. आरोपी प्रदीप कुमार के खिलाफ महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी प्रदीप कुमार के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज हुआ है.
राजस्थान इंटेलिजेंस डीजी उमेश मिश्रा ने बताया, 24 साल का प्रदीप कुमार कृष्णा नगर रुड़की, उत्तराखंड का रहने वाला है. प्रदीप कुमार भारतीय सेना में 3 साल पहले ही भर्ती हुआ था. ट्रेनिंग के बाद प्रदीप की पहली तैनाती गनर के पद पर हुई थी. जिसके बाद से आरोपी की पोस्टिंग अति संवेदनशील रेजिमेंट 881 जोधपुर में हुई थी. बताया जा रहा है कि लगभग 7 महीने पहले प्रदीप के मोबाइल पर उक्त महिला का फोन आया. फोन करने वाली महिला ने अपना नाम रिया बताया और खुद को ग्वालियर मध्य प्रदेश की रहने वाली बताते हुए वर्तमान में बेंगलुरु में मिलट्री नर्सिंग सर्विसेज में पदस्थापित होना बताया.
इसके बाद पाकिस्तानी महिला एजेंट ने प्रदीप को हनी ट्रैप में फंसाया और उसके साथ व्हाट्सएप पर चैट, वॉइस कॉल और वीडियो कॉल करने लगी. पाकिस्तानी महिला एजेंट ने प्रदीप से दिल्ली आकर मिलने और शादी करने का झांसा देकर सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की फोटो मांगना शुरू कर दिया. हनीट्रैप में फंसे प्रदीप ने पाकिस्तानी महिला एजेंट को अपने कार्यालय से सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की फोटो चोरी-छिपे अपने मोबाइल से खींच कर व्हाट्सएप के जरिए भेजना शुरू कर दिया.
इस्तेमाल किया प्रदीप का नंबर: राज्य विशेष शाखा के अनुसंधान में यह तथ्य भी सामने आए कि प्रदीप ने पाकिस्तानी महिला एजेंट को अपने सिम कार्ड के मोबाइल नंबर और उस नंबर पर व्हाट्सएप एक्टिवेट करने के लिए मोबाइल पर आया हुआ ओटीपी भी शेयर किया था. जिसके चलते पाकिस्तानी महिला एजेंट ने भारतीय सिम नंबर के आधार पर व्हाट्सएप अकाउंट बनाया और उसे ऑपरेट किया. पाकिस्तानी महिला एजेंट ने प्रदीप के मोबाइल नंबर का उपयोग कर एक्टिवेट किए गए व्हाट्सएप अकाउंट के जरिए सेना के अन्य जवानों को अपना शिकार बनाया गया है या नहीं, इस बारे में भी जांच की जा रही है. इसके साथ ही प्रदीप को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. प्रकरण में प्रदीप से लगातार पूछताछ जारी है जिसमें अन्य खुलासे होने की भी संभावना है.
प्रदीप कुमार पर हुई इस कार्रवाई की उत्तराखंड पुलिस को अभीतक कोई जानकारी है.