उत्तराखंड: अचानक धौली गंगा का जलस्तर बढ़ने से अलॉर्म बजने पर भागे मजदूर

धौली गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने से तपोवन बैराज साइट पर अफरा-तफरी मच गई।

Update: 2022-03-15 13:34 GMT

धौली गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने से तपोवन बैराज साइट पर अफरा-तफरी मच गई। बैराज साइट पर एनटीपीसी की ओर से लगाए गए अलार्म सिस्टम के बजने से वहां काम कर रहे मजदूरों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। हालांकि जलस्तर बढ़ने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन कुछ देर तक काम बाधित रहा। पिछले साल फरवरी माह में ऋषि गंगा के उद्गम स्थल पर ग्लेशियर टूटने से नदी में बाढ़ आ जाने से एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान हो गया था। कई मजदूर जिंदा दफन हो गए थे। आपदा को देखते हुए 520 मेगावाट वाली तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना का काम कर रही एनटीपीसी सतर्क हो गई है।

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ के साथ पिघल रहे हैं ग्लेशियर, बढ़ रहा नदियों का जलस्तर
कंपनी की ओर से धौली गंगा के किनारे अलार्म सिस्टम लगाया गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने पर यह अलार्म सिस्टम बजने लगता है। मंगलवार सुबह लगभग साढ़े छह बजे अचानक अलार्म बजने लगा, जिससे बैराज साइट पर काम कर रहे मजदूरों और मशीनों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। करीब एक घंटे बाद नदी का जलस्तर सामान्य हो गया, जिसके बाद परियोजना के बैराज व सुरंग साइट पर फिर से काम शुरू हो गया।
दरअसल इन दिनों पहाड़ में तेजी से गर्मी बढ़ने लग गई है, जिससे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ के साथ ग्लेशियर पिघल रहे हैं और नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। एनटीपीसी के पीआर नवजोत ने बताया कि मंगलवार सुबह नदी का जलस्तर बढ़ने से अलार्म सिस्टम बजने लगा। तुरंत बैराज साइट पर काम कर रहे मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर भेजकर बैराज साइट को खाली करा दिया गया।
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