उत्तराखंड न्यूज: गंगा में मूर्ति विसर्जित की तो होगी कड़ी कार्रवाई

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Update: 2022-08-29 15:22 GMT
हरिद्वार। इस बार 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। इसके बाद शारदीय नवरात्रि भी शुरू होंगे। इस दौरान भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित कर मां गंगा में विसर्जित किया जाता है, लेकिन इस बार श्रद्धालु भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को गंगा या अन्य नदी में विसर्जित नहीं कर पाएंगे।
दरअसल, गंगा की पवित्रता और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए गंगा समिति की एक बैठक हुई। जिसमें यह निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने स्पष्ट किया है कि एनजीटी के आदेश के अनुपालन में गंगा की पवित्रता और निर्मलता के लिए यह निर्णय लिया गया है। विकल्प के रूप में मूर्ति विसर्जन के लिए तीन स्थानों को चिन्हित किया गया है। जहां पर गड्ढे बनाकर उनमें पानी भरा जाएगा और उन्हीं गड्ढों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।
डीएम ने कहा कि जो व्यक्ति इस आदेश का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कानून अपना कार्य करेगा। इस दौरान मूर्ति विसर्जन के लिए जाने के प्रवेश द्वार और संबंधित तट पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगी और मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी। उनका कहना है कि त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है। पहले गणेश महोत्सव और फिर उसके बाद शारदीय नवरात्र भी शुरू होंगे। अभी तक भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को गंगा की धारा में विसर्जित किया जाता रहा है, यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। मां गंगा की निर्मलता व अविरलता और पर्यावरण प्रदूषण के मद्देनजर मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है।
हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने बताया कि श्रद्धालु तीन स्थान बैरागी कैंप, कनखल सती कुंड और वीआईपी घाट के पास अस्थायी गड्ढे बनाए जाएंगे। जहां मूर्ति विसर्जन किया जा सकेगा। यह जिम्मेदारी नगर निगम को और सिंचाई विभाग को दी गई है। उसमें जल भरा जाएगा और ताकि लोग श्रद्धापूर्वक उसमें मूर्तियों का विसर्जन कर सकें।

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