उत्तराखंड न्यूज: वोटिंग से गैरहाजिर रहे चार सदस्य, रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित
वोटिंग से गैरहाजिर रहे चार सदस्य
रुद्रप्रयाग: जिला पंचायत सदस्यों के मोर्चा खोलने के बाद शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने जिलाधकारी को अपना इस्तीफा सौंपा दिया था, लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकृत नहीं हुआ है. डीएम ने जिला पंचातय अध्यक्ष का इस्तीफा शासन को भेज दिया है. वहीं, आज जिला पंचायत सभागार में अपर जिला जज कंवर अमनिंदर सिंह की मौजूदगी में 14 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. जबकि अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में किसी ने भी मतदान नहीं किया.
जिला पंचायत में आज हुई कार्रवाई का नोटिस जिला पंचायत रुद्रप्रयाग कार्यालय पर चस्पा कर दिया गया है. जिला पंचायत सभागार में हुई गोपनीय कार्रवाई में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की गई. इसके बाद गोपनीय मतदान किया गया, जिसमें 18 सदस्यों की जिला पंचायत में 14 सदस्य शामिल हुए. 4 सदस्य अनुपस्थित रहे. सभी 14 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े. अविश्वास के विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा.
रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित.
जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी, जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट एवं विनोद राणा ने कहा अविश्वास लाने का मुख्य मकसद यही था कि जिला पंचायत अध्यक्ष बिना सदस्यों को विश्वास में लिए कार्य कर रहीं थीं. सोनप्रयाग स्थित पार्किंग में बिना किसी टेंडर के बिस्तर बिछाकर यात्रियों को सुलाने का कार्य किया गया था. इसके साथ ही फर्जी तरीके से जिला पंचायत में भर्तियां की जा रही थीं. वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष सरकारी वाहन का दुरुपयोग कर रही थीं.
उन्होंने कहा जिला पंचायत में हुए गद्दी घोटाले से भी सदस्यों में आक्रोश बना हुआ था. उन्हें खुशी है कि फ्लोर टेस्ट में सभी 14 सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया. वहीं, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा जिला पंचायत अध्यक्ष के विरोध में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया है. अब रिपोर्ट शासन को भेजी गई है, जिस पर फैसला आना बाकी है.
बता दें कि लंबे समय से सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ थे. सदस्य अपने मनपसंद अध्यक्ष चुनना चाहते हैं, जो उनके विकास कार्यों को पूरा करे. केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों पर लगाई गई गद्दी को लेकर अवैध तरीके से वसूली करने आरोप है. जिला पंचायत के 14 सदस्य अध्यक्ष के खिलाफ नाराज तो थे ही, साथ ही वे जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी को कुछ समय के लिए कुर्सी पर बिठाना चाहते थे. क्योंकि जिला पंचायत चुनाव के दौरान सुमंत तिवाड़ी ने ही अध्यक्ष के पक्ष में पांच सदस्यों के साथ समर्थन दिया था और अब उन्हें कुछ समय के लिए कुर्सी मिलना तय है.