उत्तराखंड चुनाव : कांग्रेस में प्रत्याशियों की सूची जारी होते कई सीटों पर खुलकर सामने आई बगावत के सुर
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार देर रात कांग्रेस ने 53 नामों की घोषणा कर दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार देर रात कांग्रेस ने 53 नामों की घोषणा कर दी है। प्रत्याशियों की यह सूची बाहर आते ही तमाम सीटों पर बगावत के सुर भी उठने लगे हैं। बगावत की आशंका को देखते हुए पार्टी ने असंतुष्टों को मनाने के लिए पहले ही दिल्ली से पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेज दिया था। जो रविवार को पार्टी महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी के साथ मिलकर इसी काम में लगे रहे। बताया जा रहा है कि इस दौरान सभी 26 जिलाध्यक्षों के साथ तमाम उन लोगों से फोन पर बातचीत की गई जो बगावत के सुर बुलंद कर रहे हैं। इसके अलावा उन लोगों से भी बात की गई, जिनका नाम पहली सूची में बाहर आ चुका है।
शनिवार को कांग्रेस की पहली सूची जारी होते ही प्रदेश में तमाम जिलों से विरोध की खबरें बाहर आईं। विरोध के यह सुर और तेज हो सकते थे, लेकिन अभी प्रदेश स्तरीय सभी नेता दिल्ली में डेरा जमाए हैं। कुछ जगहों पर टिकट की आस लगाए दावेदारों ने मीडिया के सम्मुख प्रस्तुत होकर अपना विरोध दर्ज कराया।
गंगोलीहाट से नारायण राम आर्य अपना टिकट कटने से बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि वह बुरे वक्त में भी कांग्रेस के साथ खड़े रहे, लेकिन अब एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया गया है, जिसने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इधर, हरिद्वार में भेल रानीपुर सीट पर महेश प्रताप राणा, वरुण बालियान, संजीव चौधरी आदि ने विरोध दर्ज कराया है। घनसाली सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने तो खुले तौर पर बगावत शुरू करते हुए पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है।
यमुनोत्री सीट पर बगावत खुलकर सामने आई
विधानसभा सीट पौड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी में विरोध के सुर मुखर हो गए हैं। टिकट की दौड़ में शामिल पार्टी की अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य ने पार्टी छोड़ने का एलान किया है। वहीं पूर्व जिला उपाध्यक्ष विनोद दसोनी ने टिकट आवंटन के फॉर्मूले पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस महिला प्रदेश महामंत्री व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
उन्होंने पार्टी पर गुपचुप तरीके से टिकट वितरण का आरोप लगाया है। यमुनोत्री सीट पर बगावत खुलकर सामने आ गई है। टिकट के दावेदार कांग्रेस नेता संजय डोभाल ने अपने पदों से त्यागपत्र देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है। इधर, देहरादून में राजपुर सीट दावेदारी पेश कर रही महानगर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कमलेश रमन ने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से मिलकर विरोध दर्ज कराया है।
जब भी टिकट जारी होते हैं, छिटपुट विरोध होना स्वाभाविक है। हम लगातार सभी जिलाध्यक्षों से बात कर रिपोर्ट ले रहे हैं। कोशिश कर रहे हैं कि जो असंतुष्ट हैं, उन्हें बातचीत कर मना लिया जाए। इसके अलावा जिन लोगों को टिकट दिया गया है, उनसे भी बातचीत की जा रही है। यदि कहीं कोई दिक्कत है तो पार्टी उसका समाधान निकालेगी। इसके अलावा जिन्हें टिकट नहीं मिल पाया है, वह निराश न हों, मैं पूरे विवेक से यह बात कह रहा हूं कि सरकार बनने पर ऐसे सभी लोगों पार्टी संगठन और सरकार में शामिल किया जाएगा।
- मोहन प्रकाश, पर्यवेक्षक, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
यह सांविधानिक बाध्यता है कि एक सीट पर एक को ही टिकट दिया जा सकता है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पाया है, वह निराश न हों। सरकार बनने पर ऐसे सभी लोगों को सरकार में एडजस्ट किया जाएगा। माहौल इस वक्त कांग्रेस के पक्ष में है। इसलिए मैं सभी कांग्रेसजनों से अपील करना चाहूंगा कि वह पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के कंधे से कंधा मिलकर इस चुनाव को सफल बनाएं।
- गणेश गोदियाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष