Uttarakhand: CM धामी ने अधिकारियों को 5 साल में राज्य का बिजली उत्पादन दोगुना करने के दिए निर्देश
Dehradun देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को अगले पांच वर्षों में उत्तराखंड में बिजली उत्पादन को दोगुना करने के प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए। ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान धामी ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीन प्रमुख ऊर्जा निगमों- उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल), उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) और पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पीटीसीयूएल) के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने तीनों निगमों को समय पर परियोजनाएं पूरी करने के भी निर्देश दिए। धामी ने ऊर्जा और पर्यटन को उत्तराखंड के गठन का आधारभूत तत्व बताते हुए ऊर्जा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बरसात के मौसम में सभी ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा ऑडिट कराने और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में औद्योगिक संस्थानों के तेजी से विकास का भी आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर वर्तमान में काम चल रहा है, उन्हें तेजी से पूरा किया जाए। सरकारी भवनों में सोलर रूफटॉप के जरिए बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार मिले, इस दिशा में और अधिक प्रयास किए जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि राज्य में अधिक से अधिक लोगों को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ मिले। धामी ने निर्देश दिए कि नए बिजलीघरों के निर्माण और ट्रांसमिशन लाइन को अपडेट करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने लाइन लॉस को कम करने के लिए प्रभावी योजना बनाने और बिजली लाइनों को भूमिगत करने की योजनाओं पर तेजी से काम करने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में बताया गया कि कुल 121 मेगावाट की छह लघु जल विद्युत परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 24 मेगावाट की मेलेखेत और 21 मेगावाट की खुटानी जल विद्युत परियोजना दिसंबर 2026 तक पूरी हो जाएंगी, जबकि 22.80 मेगावाट की बर्नीगाड और 06 मेगावाट की रयात जल विद्युत परियोजना पर अगले दो साल में काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पंप भण्डारण परियोजना के तहत 200 मेगावाट लखवाड़-ब्यासी, 150 मेगावाट ब्यासी-कट्टा पत्थर तथा 168 मेगावाट कालागढ़ परियोजनाओं पर प्रारंभिक व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ऊर्जा भण्डारण प्रणाली के तहत तिलोथ, खटीमा तथा ढकरानी में 1-1 मेगावाट क्षमता की बैटरी विकसित की जा रही है। (एएनआई)