7 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग से कराने पर लगी मुहर, उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर जांच का सामना कर रहे राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा लगभग 7,000 पदों पर भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया शुक्रवार को राज्य लोक सेवा आयोग को हस्तान्तरित करने को मंजूरी दे दी।

Update: 2022-09-10 05:53 GMT

 न्यूज़ क्रेडिट : punjabkesari.in

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर जांच का सामना कर रहे राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा लगभग 7,000 पदों पर भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया शुक्रवार को राज्य लोक सेवा आयोग को हस्तान्तरित करने को मंजूरी दे दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। गौरतलब है कि राज्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं की जांच विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा की जा रही है जिसमें अब तक 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और गरिमा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा हरसंभव कदम उठाने की बात दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भर्ती प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग को सौंपने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने आयोग को शीघ्र ही भर्ती परीक्षाओं का एक कैलेंडर जारी कर प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने भविष्य की परीक्षाओं का भी एक कैलेंडर जारी करने को कहा है। उन्होंने राज्य सरकार के सभी विभागों को वर्तमान विज्ञापित पदों के साथ-साथ एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपने यहां सीधी भर्तियों के लिए रिक्त पदों की सूची बनाकर उसे आयोग को उपलब्ध कराने को कहा है ताकि भविष्य की परीक्षाओं के लिए पहले ही कैलेंडर जारी किया जा सके। हालांकि, ऐसी सभी परीक्षाएं, जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किसी भी चरण की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया गया है किंतु चयन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है, उन परीक्षाओं की बाकी कार्यवाही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ही की जाएगी।
इसके अलावा, जिन पदों के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग आवेदन आमंत्रित कर चुका है लेकिन कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गयी, उनके लोक सेवा आयोग की परिधि में जाने के पश्चात् पुनः विज्ञापन प्रकाशित किए जाने की स्थिति में अभ्याथियों से आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का मनोबल बनाए रखने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर उन्हें नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
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