अग्निपथ के विरोध में इंटरनेट मीडिया पर सोमवार को भारत बंद करने की अपील का संदेश वायरल होने के बाद शासन और पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया था। संदेश में दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का जिक्र भी था। भले ही यह संदेश किसी राजनीतिक दल और संगठन की तरफ से नहीं भेजा गया था, मगर मामले की गंभीरता को देखकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के आदेश दे दिए थे। इसी क्रम में सभी जनपदों को विभिन्न जोन व सेक्टर में बांट दिया गया। देहरादून को 10 जोन व 21 सेक्टर में बांटा गया। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने क्षेत्रवार मजिस्ट्रेट तय कर दिए और प्रशासन ने जिले को सात जोन में बांट दिया।
इधर, देहरादून में सोमवार को सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने हाथ में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाते हुए परेड मैदान से सचिवालय कूच किया। कुछ युवा अर्धनग्न होकर रैली में शामिल हुए। पुलिस ने सभी को सचिवालय से पहले बैरिकेडिग लगाकर रोक लिया। युवा वहीं धरने पर बैठ गए और जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन भेजा, जिसमें अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार कर इसे रद किए जाने की मांग की गई है। युवाओं ने कहा कि इस योजना से नुकसान है। कई युवा वर्षो से सेना भर्ती की तैयारी रहे हैं। चार साल की नौकरी में उन्हें कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैन्यभूमि है। यहां के युवा देश सेवा के लिए तत्पर रहते हैं, पर केंद्र सरकार के 'टूर आफ ड्यूटी' को लागू करने से प्रदेश के युवाओं को भारी आघात लगा है। कई युवा ऐसे भी हैं, जो शारीरिक दक्षता और स्वास्थ्य की परीक्षा पास कर चुके हैं। वह लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, मगर भर्ती प्रक्रिया रद कर दी गई।
दूसरी तरफ, कांग्रेसियों ने गांधी पार्क से घंटाघर तक मशाल जुलूस निकालकर केंद्र सरकार का विरोध किया। इसमें महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा और युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र नेगी, वीरेंद्र पोखरियाल समेत दर्जनों कांग्रेसी शामिल रहे। वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है। संरक्षक बीडी रतूड़ी के नेतृत्व में कार्यकत्र्ताओं ने कचहरी चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक हाथ पर काली पट्टंी बांधकर मौन जुलूस निकाला।