Chamoliचमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया था। श्री बदरीनाथ धाम के सिंह द्वार परिसर में गढ़वाल स्काउट बैंड की भक्ति धुनों से पूरा बदरीनाथ धाम गूंज उठा । जय बदरी विशाल के उद्घोष से श्री बदरीनाथ धाम गूंज उठा। बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा भी समाप्त हो गई है। इससे पहले दिन में चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बदरीनाथ धाम का दौरा कर मंदिर बंद होने की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीएम ने अन्य श्रद्धालुओं की तरह बदरीनाथ के दर्शन किए। इसके साथ ही उन्होंने बद्रीनाथ मंदिर परिसर में मौजूद पर्यावरण मित्रों, पुलिस बल, आईटीबीपी और मंदिर समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी प्रशंसा की जो पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे। डीएम ने कहा, "लोग पहले भी दर्शन कर चुके हैं और आज भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। आज रात 9:07 बजे कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस बार यात्रा काफी सफल रही।"
बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले भगवान बद्री विशाल को फूलों से सजाया गया। इससे पहले, रविवार को भाई दूज के अवसर पर श्रद्धेय केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। ओम नमः शिवाय, जय बाबा केदार के जयघोष और भारतीय सेना के बैंड की भक्ति धुनों के बीच वैदिक रीति-रिवाजों और धार्मिक परंपराओं के साथ कपाट बंद किए गए।गौरतलब है कि गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे, पवित्र गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद किए गए थे।वहीं, द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे। (एएनआई)