उत्तराखंड विधानसभा सत्र: कल 11 बजे तक स्थगित सदन, नेता प्रतिपक्ष ने बजट को बताया निराशाजनक

उत्तराखंड विधानसभा सत्र

Update: 2022-06-15 14:05 GMT
धामी सरकार ने मंगलवार को 65571.49 करोड़ का बजट सदन में पेश किया था। आज बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बजट पर परिचर्चा चल रही है। इसके साथ ही आज प्रश्नकाल भी जारी है। सदन को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
बजट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का बजट आम जनता का उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने वाला है। यह बजट नहीं हमारा संकल्प है। सबके साथ संवाद के माध्यम से इसे जन-जन का बजट बनाने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकल्प पत्र के अनुसार तीन मुफ्त गैस सिलिंडर के लिए 55 करोड़ की व्यवस्था की गई।
उत्तराखंड दुर्गम हिमालयी राज्य होने के नाते रोपवे परियोजनाएं हमारे लिए अति महत्वपूर्ण हैं। अभी सात रोपवे परियोजनाओं की प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त 35 नई परियोजनाओं को हम पर्वतमाला परियोजना में लेकर आ रहे हैं। नगरीय निकायों के बजट में लगभग 243 करोड़ और त्रिस्तरीय पंचायतों के बजट में लगभग 190 करोड़ की वृद्धि की गई है।
बजट से पूर्व सभी हितधारकों से किया गया संवाद: मुन्ना सिंह चौहान
भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार ने बजट से पूर्व सभी हितधारकों से संवाद किया। पहले 57 हजार करोड़ का बजट अब बढ़कर 65 हजार करोड़ पर पहुंच गया। उत्तराखंड में पिछले 05 साल में 40 हजार से ज्यादा महिलाओं के सेल्फ ग्रुप बनाकर उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ दिया गया। एक लाख से तीन लाख तक का ऋण दिया गया। पांच लाख का भी ऋण दिया गया।
उत्तराखंड ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सबसे कम खर्च
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि देश के हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सबसे कम खर्च किया है। स्वास्थ्य विभाग में 24,751 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 8242 पदों पर तैनाती है। कुल बजट का केवल 0.8% ही ऊर्जा पर, शहरों विकास में 1.5 % खर्च किया जा रहा है। यह बजट निराशाजनक है। सत्य से परे है।
बजट बहुत निराशाजनक, आंकड़ों का मायाजाल: यशपाल आर्य
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट बहुत निराशानजनक है। इसमें केवल आंकड़ों का मायाजाल है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसमें पेट्रोल, डीजल की महंगाई से राहत होती। निवेश बढ़ाने, प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की पहल होती। कमजोर-गरीब समाज मुख्य धारा में जोड़ा जाता। हमें मिलकर राज्य के समग्र विकास की परिकल्पना को साकार करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों का चिन्ह्रीकरण नहीं हो पा रहा है। जिन्हें नौकरी दी थी, वह भी खतरे में है। राज्य हमें शहीदों और आंदोलनकारियों की वजह से मिला है। उनके बलिदान को हम नकार नहीं सकते हैं।
सत्र के दौरान बिगड़ी मंत्री चंदन राम की तबीयत
सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्होंने हायर सेंटर रेफर किया गया है।
सरकार ने कितना कर्ज लिया, किन शर्तों पर लिया, बजट में नहीं जिक्र
विपक्ष की ओर से कहा गया कि सरकार ने कितना कर्ज लिया, किन शर्तों पर लिया, बजट में इसका जिक्र नहीं है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि कब तक हम उधार लेंगे। देनदारी भी है। ब्याज की अदायगी भी है। मद संख्या 10 में पुराने कर्ज पर ब्याज अदायगी के 6017 करोड़ और 5 हजार करोड़ को जोड़ दें तो यह 11 हजार 575 करोड़ का पुराना कर्ज/ब्याज देना पड़ेगा। तब विकास कार्यों का क्या होगा? सरकार पिछले वित्तीय वर्ष का बजट अलग-अलग मदों में खर्च नहीं कर पाई। पिछले साल शिक्षा, खेलकूद, संस्कृति के क्षेत्र में जो बजट था, वह पूरा खर्च ही नहीं कर पाए। सिंचाई बाढ़ नियंत्रण में 1354 में से 754 करोड़ ही खर्च किया जा सका। शहरी विकास, परिवहन, कृषि का भी ऐसा ही हाल है।
फिर बजट पर परिचर्चा शुरू
प्रश्नकाल के बाद दोबारा बजट को लेकर परिचर्चा शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट की गोपनीयता को भंग किया गया। पहले ही मीडिया में लीक किया गया। उन्होंने कहा कि जब सत्र आहूत किया जाता है तो कोई भी अगर घोषणा होती है वो बाहर नहीं सदन में होती है। कहा चार माह का लेखानुदान लाया गया। उसका कोई औचित्य नहीं। अब जून माह में बजट आया है, वह कब विभागों तक जाएगा। धरातल पर कब उतरेगा, यह बड़ा सवाल है।
उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने उठाए सवाल
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि केदारनाथ में 14 हजार का क्राइटेरिया तय किया जिससे ऊपर वालों को रुद्रप्रयाग में रोका जाता है। जबकि उन्हें इससे आगे जाना चाहिए था। ऐसे ही बदरीनाथ में चमोली बॉर्डर पर रोक रहे हैं, जबकि उन्हें जोशीमठ तक जाने देना चाहिए था। केदारनाथ में 18 किलोमीटर की यात्रा के दौरान बारिश हुई तो उनके बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है। शौचालय चार किलोमीटर की दूरी पर है।18 किलोमीटर में कहीं भी घोड़ों खच्चरों के पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। भूसा और चना खिलाया जा रहा है। प्यास लग रही है तो बर्फ का ठंडा पानी पिलाया जा रहा है। यात्री को ले जाने वाले घोड़े को बर्फ का पानी देने पर उनकी मौत हो जाती है। उनके उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्रा में जानवरों के साथ बर्बरता हो रही है।
सरकार के पास नहीं कोई नीति ः नेता प्रतिपक्ष
सरकार ने कभी तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने का दावा किया तो कभी कहा कि सरकार के दरवाजे खुले हैं। कहीं न कहीं चारधाम यात्रा में कुप्रबंधन हुआ है। कहा कि सरकार के पास कोई नीति नहीं है।
चार धाम यात्रा में अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठा
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में नियम 58 के तहतचार धाम यात्रा में अव्यवस्थओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में भारी अव्यवस्था है। लंबे जाम से लोग जूझ रहे हैं। तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। कहा कि सीएम पूर्व में यह स्वीकार भी कर चुके की चूक हुई है। कहा 152 मौतें हो गई। कहा कि विडंबना है कि भाजपा कह रही है कि जिनकी मृत्यु हुई है, उन्हें चारधाम में आकर मोक्ष की प्राप्ति हुई है। यह दुर्भाग्य की बात है। यह देवभूमि का अपमान है। पहली बार इतनी संख्या में मौतें हुई हैं। हमने उनके साथ उपहास किया है। क्या स्वास्थ्य सुविधाएं थी, क्या सड़कें ठीक थी, क्या पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त थी।
खाद्य विभाग की 'अपात्र को न और पात्र को हां' अभियान का मुद्दा उठा
सत्र में खाद्य विभाग के अपात्र को न और पात्र को हां अभियान का मुद्दा उठा। इस पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राशन कार्ड रद्द करने में आर्थिक सर्वेक्षण की आवश्यकता नहीं है। नियम 58 के तहत विपक्षी विधायकों ममता राकेश, भुवन कापड़ी, विक्रम नेगी, विरेंद्र कुमार और सुमित हृदयेश ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के बिना राशन कार्ड रद्द नहीं किए जा सकते। इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि जिस परिवार के सदस्यों की मासिक आय 15 हजार से ज्यादा है, जिनके पास चार पहिया वाहन या जिन परिवारों के पास दो हेक्टेयर सिंचित भूमि है ऐसे परिवार नए नियमों के तहत अपात्र होंगे। साथ ही इसका आर्थिक सर्वेक्षण कराया जाए।
बजट हर प्रकार से हमारे दृष्टिपत्र के संकल्प को पूरा करने वाला: धामी
डबल इंजन की सरकार का ही असर है कि जहां 2012 से 2017 के बीच हमें प्रतिवर्ष वार्षिक अनुदान 5615 करोड़ प्राप्त होता था। वहीं 2017 से 2022 के डबल इंजन युग में औसत वार्षिक अनुदान राशि बढ़कर 11168 करोड़ हो गई है। जो कि डबल इंजन के दौर में डबल राशि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में यह बजट शानदार प्रयास है। बजट हर प्रकार से हमारे दृष्टिपत्र के संकल्प को पूरा करने वाला बजट है।
रेखा आर्य और चंदन राम दास की परीक्षा
बुधवार को विधानसभा सत्र में आज मंत्री रेखा आर्य और चंदन राम दास की परीक्षा है। विभागीय प्रश्नों की बरसात होगी। इसके अलावा चारधाम यात्रा, कानून व्यवस्था और महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरेगी।
भाजपा विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा
यह बजट समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। जिस जमरानी बांध के सपने को कुमाऊं के लोगों ने देखा था, वह आज पूरा होने जा रहा है।
कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा- पिछले वर्ष सात फीसदी कम खर्च किया
पिछले वर्ष 7 फीसदी कम खर्च किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति आदि में जो बजट प्रावधान किए गए थे, उस हिसाब से खर्च नहीं किया गया। हल्द्वानी में इंटरनेशनल जू, आईएसबीटी, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम जैसे कार्यों का बजट में कोई जिक्र नहीं था। रेलवे की ओर से अवैध बताए जा रहे हल्द्वानी के 4,500 लोगों को अगर कोर्ट से राहत न मिली तो सरकार ने उनके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया।
उन्होंने कहा कि एचपी कम्पनी अपना बिजनेस बंद करके चली गई। राज्य सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया। अशोक लीलैंड कम्पनी उत्तराखंड के बच्चों को निकाल देती है। रोजगार छिन रहा है तो उसके लिए बजट में कोई खास provision नहीं है। सुशीला तिवारी अस्पताल में सुविधाएं नहीं है। आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिलता। बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं। एन्टी ड्रग टास्क फोर्स की प्रदेश में बहुत जरूरत है। युवा स्मैक में लिप्त होती जा रही है। इसके लिए प्रावधान हो। बिजली की जरूरत है। प्रदेश में बिजली कटौती हो रही है। बिजली के लिए बजट में प्रावधान किए जाने चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की घोषणा
एन्टी ड्रग फ़ोर्स सरकार बनाने जा रही है, उसके लिए जल्दी ही अधिसूचना जारी होने जा रही है।
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