उच्च स्तरीय समिति के गठन के फैसले के बाद उपनल कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित

Update: 2024-02-21 05:33 GMT

देहरादून न्यूज़: मानदेय में 10 प्रतिशत की तत्काल बढोतरी और सभी नौ मांगों के ठोस समाधान के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन के फैसले के बाद उपनल कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अफसरों ने सोमवार को उपनल कर्मचारियों की मांगों के समाधान का पहला फार्मूला जारी कर दिया। उपनल कर्मचारी 12 फरवरी से आंदोलित थे। सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी ने सोमवार दोपहर खुद एकता विहार स्थित धरना स्थल पर आकर तीनों मामलों में कार्रवाई की जानकारी दी। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्राथमिक निर्णय ले लिए गए हैं। हड़ताल अवधि को उपनल कर्मचारियों के अनुमन्य अवकाश में समायोजित किया जाएगा। उपनल कर्मियों की सभी नौ मांगों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी मंथन करेगी। यह कमेटी अपनी रिपेार्ट जल्द से जल्द मुख्यमंत्री को सौंपेगी। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मियों की मांगों पर सरकार शुरू से गंभीर रही है। नियमानुसार सभी का समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मानदेय एवं अवकाश समायोजन का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है, इस पर जल्द ही आदेश होने जा रहे हैं। सचिव के आश्वासन के बाद महासंघ पदाधिकारियों ने आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने का ऐलान कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल और महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा कि सरकार ने सभी मांगों पर मंथन करने के बाद निर्णय किया गया है। इस अवधि में कार्यवाही नहीं होगी तो महासंघ को फिर से आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।

समिति की रिपोर्ट तक नहीं हटेंगे कर्मचारी : उपनल कर्मचारियों की सोमवार को हड़ताल सरकार के आश्वासन पर खत्म हो गई है। जिलाध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बताया कि यह सहमति भी बनी है कि समिति की रिपोर्ट आने तक कर्मचारी नहीं हटाए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों से 85 एवं राज्य कर विभाग से 128 कर्मचारियों को हटाए जाने की तैयारी चल रही थी। समिति को सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि इन कर्मचारियों को कैसे रखा जा सकता है। इस पर भी रिपोर्ट देंगे। वहीं उपनल के पद अधिसंख्यक के रूप में रखे जाने की बात कही गई है। कहा कि सरकार ने उपनल कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य की बात कही है। जिस पर सरकार का आभार है।

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