UKSSSC परीक्षाएं पेपर आउट, नकल और ओएमआर छेड़छाड़ से हुईं दागदार
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष एस राजू और सचिव संतोष बडोनी की जोड़ी ने सितंबर 2016 में वीपीडीओ भर्ती परीक्षा निरस्त होने के बाद आयेाग का काम काज संभाला था।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में अध्यक्ष एस राजू और सचिव संतोष बडोनी की जोड़ी ने सितंबर 2016 में वीपीडीओ भर्ती परीक्षा निरस्त होने के बाद आयेाग का काम काज संभाला था। इस टीम ने कुल 88 लिखित परीक्षाएं आयोजित करवाई, यूं तो युवाओं ने कई परीक्षाओं पर सवाल उठाए लेकिन पांच परीक्षाओं में बड़ी गड़बड़ी आने के बाद आयोग को खुद मुकदमा दर्ज कराना पड़ा।
इसमें सबसे चर्चित विवाद मौजूदा स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का रहा। इससे पहले 2019 में आयोजित फॉरेस्टगार्ड भर्ती परीक्षा में भी हरिद्वार के सात केंद्रों पर ब्ल्यू टूथ के जरिए नकल की पुष्टि होने पर यहां परीक्षा नए सिरे से करानी पड़ी थी। जबकि टीजी- 2 परीक्षा में कोषागार में बंद ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की पुष्टि हुई।
2017 में एलटी भर्ती परीक्षा में, दूसरे की जगह परीक्षा दिए जाने का मामला सामने आया। जांच में पता चला कि अमरोहा का गिरोह इस गैंग को चला रहा था। 2016 वीपीडीओ भर्ती घोटाले में भी नकल के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था, हालांकि पुलिस जांच में उक्त मामले खास प्रगति तक नही पहुंच पाए।
आयोग की कार्यप्रणाली के प्रति युवाओं की नाराजगी परीक्षा के बाद सवाल बदले जाने को लेकर भी पैदा हुई। साथ ही इसी साल सहायक लेखाकार परीक्षा, गलत ट्रांसलेशन के कारण निरस्त किए जाने से भी आयोग की कार्यक्षमता पर सवाल उठे। युवाओं के दो खेमों में बंट जाने से नॉर्मलाईजेशन प्रणाली विवादों में आ गई।
वीपीडीओ भर्ती घपले में भी दर्ज कराया था केस
2016 में वीपीडीओ भर्ती घपले में भी नकल के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था, हालांकि पुलिस जांच में उक्त मामले खास प्रगति तक नहीं पहुंच पाए। आयोग की कार्यप्रणाली के प्रति युवाओं की नाराजगी परीक्षा के बाद सवाल बदले जाने को लेकर भी पैदा हुई। नॉर्मलाईजेशन प्रणाली भी विवादों में रही।
सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरी ईमानदारी से निभाया जाएगा। मंगलवार को कार्यालय खुलने पर ज्वाइनिंग कर, आयोग की कार्यप्रणाली को समझा जाएगा। आयोग युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेगा।