तीन साल के बच्चे ने निगला बिछिया, डॉक्टरों ने बड़ी मुश्किल से बचाई जान

बच्चों की छोटी-छोटी शरारतें, कब बड़ी मुसीबत बन जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता।

Update: 2022-03-25 09:06 GMT

बागेश्वर: बच्चों की छोटी-छोटी शरारतें, कब बड़ी मुसीबत बन जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। हल्द्वानी में यही हुआ। यहां खेल-खेल में एक बच्चे ने पैरों में पहनी जाने वाली बिछिया निगल ली। जो कि बच्चे की खाने की नली में फंस गईं। बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी। उसकी जान पर बन आई थी। वह तो शुक्र है कि सुशीला तिवारी अस्पताल के डॉक्टरों ने समय रहते बच्चे का इलाज शुरू कर दिया, जिससे बच्चे की जान बच गई। अब वो बिल्कुल ठीक है। बुधवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। एसटीएच ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शहजाद अहमद ने बताया कि पीड़ित बच्चा रक्षित बागेश्वर के गरुड़ क्षेत्र का रहने वाला है। उसने महिलाओं द्वारा पैर में पहनने वाली बिछिया निगल ली थी। 22 मार्च की शाम को परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे।


अस्पताल में एक्सरे कराया गया तो पता चला कि बिछिया बच्चे की खाने की नली के बीच में फंसी है। तुरंत ही बच्चे का इलाज शुरू किया गया। बच्चे को एनेस्थीसिया से बेहोश करके डॉ. शहजाद अहमद ने मशीन से बिछिया को निकाला। ठीक हो जाने के बाद बुधवार को बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। बच्चे का इलाज करने वाली टीम में एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. प्रियंका चौरसिया और नर्सिंग स्टाफ शामिल रहा। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने पूरी टीम को शुभकामनाएं दी हैं। डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में बच्चे का सफल इलाज करने वाले डॉक्टरों ने इस कहावत को एक बार फिर सच साबित कर दिखाया।
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