पशुपालकों को दी ये सलाह, राज्य सरकार ने जारी की लंपी वायरस के लिए SOP

Update: 2022-09-23 15:23 GMT
पशुओं में लंपी वायरस के फैल रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने लंपी रोग की रोकथाम व बचाव के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
जिसके मुताबिक प्रदेश में लंपी रोग की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए हैं। पशुपालन विभाग के पास 6 लाख गोटपॉक्स टीके उपलब्ध हैं। 5.80 लाख टीके जिलों में वितरित किए गए हैं। चार लाख टीकों की आर्डर केंद्र को भेजा गया है। वहीं, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि लंपी रोगग्रस्त क्षेत्रों में पशुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि सभी पशुपालकों को अपने पशुओं का बीमा अवश्य कराना चाहिए। इससे किसी भी प्रकार की हानि होने पर पशुपालकों को उचित मुआवजा प्राप्त होगा।
बता दें प्रदेश में रोग से पशुओं की मृत्यु दर 1.6 प्रतिशत और ठीक होने की दर 40 प्रतिशत है। 26 सितंबर से प्रदेश में रोग से पशुओं को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में बीते बृहस्पतिवार को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने विधानसभा स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर लंपी रोकथाम की समीक्षा की। बैठक के बाद प्रेसवार्ता में विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 20 हजार 505 पशु लंपी बीमारी से ग्रसित पाए गए। इसमें देहरादून व हरिद्वार जिले के 17500 मामले हैं। इलाज के बाद 8028 पशु स्वस्थ हुए हैं। जबकि 341 पशुओं की मौत हुई है।
इसके साथ ही उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया कि पशुओं का बीमा अवश्य कराएं, ताकि पशु की मौत होने पर उचित मुआवजा मिल सके। पशुपालकों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से टोल फ्री नंबर 18001208862 किया गया। इस पर लंपी रोग के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मानक प्रचालन प्रक्रिया एसओपी
- लंपी रोग से ग्रसित पशु को अन्य पशुओं से अलग रखें।
- गौशाला में मच्छर, मक्खियों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाश दवाईयों का छिड़काव या धुआं करें।
- 25 लीटर पानी में फिटकरी व नीम की पत्ते का पेस्ट मिला कर रोग ग्रस्त पशु को नहलाएं।
- रोगी पशु को पौष्टिक चारा खिलाएं
- रोग से ग्रसित और संपर्क में आए पशु को गोटपॉक्स वैक्सीन न लगाएं।
- रोग से मृत पशु को खुले में न फेंके। इससे रोग का संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
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