इन अधिकारियों पर हो सकता है मुकदमा, कार्बेट में अवैध निर्माण मामले में विजिलेंस जांच पूरी
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार एक और बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। रामनगर में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में 3 वरिष्ठ आईएफएस अफसरों के खिलाफ खुली जांच पूरी हो गई है। विजिलेंस ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को शासन में भेज दी है। अब जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में तीनों आईएएस अफसरों के खिलाफ कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान व अतिक्रमण सहित निर्माण के पर्याप्त सबूत सामने आए हैं। रामनगर नेशनल पार्क में अतिक्रमण यह मामला साल 2018-19 में सामने आया था। बता दें कि रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में कैंपा योजना में अनिमितताओं के अंतर्गत जंगल में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कराए जाने का आरोप है।
इस मामले में तीन आईएफएस अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में है। 9 नवंबर 2021 शासन ने तीनों IFS अफसरों के खिलाफ कैम्पा योजना के तहत रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण की खुली जांच विजिलेंस को सौंपी थी। प्रारंभिक जानकारियां जुटाकर विजिलेंस ने 21 नवंबर 2021 जिससे जांच शुरू की थी। इस मामले में मुख्य आरोपी पूर्व IFS किशन चंद बीते 30 जून 2022 को रिटायर हो गए थे।
आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल में कैंपा की जिम्मेदारी संभाल रहे एपीसीसीएफ जेएस सुहाग और कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के तत्कालीन डीएफओ किशन चंद को इस मामले में सस्पेंड कर दिया गया था जबकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल को देहरादून वन मुख्यालय में अटैच किया गया था।