चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ की ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं में ताजा हिमपात हुआ है। जोशीमठ और आस पास के इलाकों में शुक्रवार को हुई हल्की बारिश के बाद देर रात ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब समेत चमोली जिले की ऊंचाई वाले हिमालय श्रृंखलाओं पर बारिश के बाद बर्फबारी हुई।
बर्फबारी के बाद पूरे इलाके में कड़ाके की ठंड: बद्रीनाथ में शुक्रवार की रात भर हुई बर्फबारी के बाद बद्रीनाथ मंदिर परिसर और उसके आसपास का इलाका पूरी तरह बर्फ से ढक गया। बर्फबारी अपने साथ कई दुश्वारियां लेकर भी आई है। बर्फबारी के बाद पूरे इलाके को कड़ाके की ठंड की चपेट में ले लिया है। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की समस्या के बीच हो रही बारिश, बर्फबारी से यहां दुश्वारियां पैदा होना लाजिमी है।
भू-धंसाव का खतरा ज्यादा बढ़ सकता:
राहत और बचाव कार्य में लगी प्रशासन की टीम के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गईं है। बर्फबारी ज्यादा हुई तो हालात बहुत खराब हो सकते हैं और भू-धंसाव का खतरा दरारों के साथ ज्यादा बढ़ सकता है।
उधर, उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के कई इलाकों में रातभर हुई बर्फबारी से यहां ऊंची चोटियां बर्फ की चादर में ढक गईं हैं। भू-धंसाव की समस्या से जूझ रहे जोशीमठ में 169 परिवारों को शिफ्ट किया गया है।
147 भवन असुरक्षित घोषित:
चमोली में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि जोशीमठ के 25 और परिवारों को शुक्रवार को अस्थाई राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया। हालांकि, उन भवनों की संख्या अभी 760 ही है जिनमें दरारें आई हैं और इनमें से 147 को असुरक्षित घोषित किया गया है।
169 परिवार राहत केंद्रों में स्थानांतरित: बता दें कि जोशीमठ में भू-धसाव के चलतेअब तक 589 सदस्यों वाले कुल 169 परिवारों को राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत केंद्रों के रूप में 835 कमरे हैं, जिनमें कुल मिलाकर 3,630 लोग रह सकते हैं। बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली के प्रवेश द्वार जोशीमठ को भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।