दिखने लगा गर्मी का असर, उत्तराखंड के इन शहरों में पानी की किल्लत

मार्च आधा बीत चुका है और अब मौसम में बदलाव साफ नजर आ रहा है। गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

Update: 2022-03-17 06:18 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्च आधा बीत चुका है और अब मौसम में बदलाव साफ नजर आ रहा है। गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसके चलते राज्य में जल्द ही पानी की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस बीच चिंता की बात ये है कि वर्तमान में राज्य के लगभग 100 शहरों में पानी की सप्लाई, डिमांड के मुकाबले काफी कम है।

जल संस्थान के प्रोडक्शन सप्लाई डाटा के अनुसार, इन शहरों में पानी की कुल डिमांड 833.77 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) है। इसके सापेक्ष सरकारी तंत्र सिर्फ 649.86 एमएलडी पानी की ही सप्लाई कर पा रहा है। इसमें भी अधिकतर शहर ऐसे हैं, जहां तय मानक 135 एलपीसीडी से भी कम पानी मिल रहा है। इससे साफ है कि इन शहरों में रहने वालों को गर्मियों में पानी के संकट से दो-चार होना पड़ेगा।
रुद्रप्रयाग: एक भी शहर में पर्याप्त पानी नहीं-जनपद में पांच शहर केदारनाथ, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग हैं। इन शहरों की कुल आबादी 40 हजार व पानी की मांग करीब 7.52 एमएलडी है। जल संस्थान यहां सिर्फ 4.14 एमएलडी पानी ही सप्लाई कर पा रहा है। इन पांच शहरों में एक भी ऐसा नहीं है, जहां पानी की सप्लाई तय मानक के अनुरूप हो रही हो। सबसे अधिक पानी की सप्लाई 116 एलपीसीडी केदारनाथ में ही हो पा रही है।
हरिद्वार: पानी के लिए तरसते नौ शहर-जिले के 12 शहरों में से महज तीन-हरिद्वार, लंढौरा व झबरेड़ा में मानक के अनुरूप पानी सप्लाई हो रहा है। शेष नौ शहरों में पानी मानक से बहुत कम दिया जा रहा है। हालांकि ढंढेरा, पाडलीगुज्जर और इमलीखेड़ा में वाटर सप्लाई बढ़ाने को जल जीवन मिशन के तहत योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
उत्तरकाशी: पालिका को छोड़ कहीं पर्याप्त पानी नहीं-उत्तरकाशी जिले में सिर्फ उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र ही ऐसा है, जहां मानक के अनुरूप पानी उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य पांच शहरों के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। जिले के सभी छह शहरों को पानी की डिमांड 15.83 एमएलडी व सप्लाई 8.90 एमएलडी हो रहा है। नौगांव नगर पंचायत क्षेत्र में सबसे कम पानी सप्लाई हो रहा है। यहां 24 एलपीसीडी दर से पानी दिया जा रहा है।
बागेश्वर: बेहतर स्थिति-बागेश्वर में तीन शहर कपकोट, बागेश्वर और गरूड़ हैं। तीनों को 4.31 एमएलडी पानी की जरूरत होती है। इसके सापेक्ष कुल सप्लाई 3.50 एमएलडी है। कपकोट में मानक के अनुरूप पानी मिल रहा है। जबकि बागेश्वर में 99 एमएलडी और गरूड़ में 122 एमएलडी पानी मिल रहा है। इस जिले की स्थिति बाकी से बेहतर है।
पौड़ी: चार शहरों में मानक के अनुरूप पानी-पौड़ी के सात शहरों में से चार ऐसे हैं, जहां लोगों को मांग के अनुरूप पानी मिल रहा है। इनमें सतपुली, कोटद्वार, स्वर्गाश्रम जौंक और श्रीनगर शामिल हैं। जिले के सात शहरों की पानी की डिमांड 35.56 एमएलडी जबकि सप्लाई 32.87 एमएलडी है। सबसे कम पानी थलीसैंण नगर पंचायत क्षेत्र को मिल रहा है। यहां 135 एलपीसीडी के मानक के सापेक्ष 30 एलपीसीडी पानी दिया जा रहा है।
देहरादून: सेलाकुई में सबसे कम पानी-जिले के सात शहरों में सबसे कम पानी सेलाकुई को मिल रहा है। यहां 35 एलपीसीडी की दर से पानी मिल रहा है। विकासनगर, डोईवाला, ऋषिकेश व देहरादून नगर निगम क्षेत्र में पानी 135 एलपीसीडी दर से उपलब्ध है। जिले की पानी की डिमांड 324.91 एमएलडी जबकि सप्लाई 275.12 एमएलडी ही हो रहा है।
पिथौरागढ़: डिमांड और सप्लाई में बड़ा अंतर-पिथौरागढ़ जनपद में पानी की डिमांड और सप्लाई में काफी बड़ा अंतर है। यहां पानी की मांग 19.05 एमएलडी है। इसके सापेक्ष पानी की सप्लाई महज 11.45 एमएलडी हो रहा है। यहां पांच शहरों-धारचूला, बेरीनाग, गंगोलीहाट, डीडीहाट, पिथौरागढ़, में से किसी में भी लोगों को 135 एलपीसीडी के मानक के अनुरूप पानी नहीं मिल रहा है। सबसे अधिक 118 एलपीसीडी पानी की सप्लाई धारचूला में हो रही है।
चमोली: नंदप्रयाग को छोड़ कहीं पूरा पानी नहीं-चमोली जिले में कुल दस नगर हैं। यहां नंदप्रयाग को छोड़ कहीं भी मानक के अनुरूप पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। चमोली जनपद के सभी शहरों की पानी की कुल डिमांड 20.84 एमएलडी है जबकि सप्लाई 12.20 एमएलडी हो पा रहा है।
ऊधमसिंहनगर: एक शहर में पूरा पानी-यूएसनगर जिले में कुल 18 शहर हैं। इनके लिए पानी की मांग 118.31 एमएलडी है जबकि सप्लाई सिर्फ 58.14 एमएलडी हो रहा है। इनमें खटीमा, गुलरभोज, शक्तिनगर, नानकमत्ता, रुद्रपुर, जसपुर, केलाखेड़ा, किच्छा, सितारगंज, लालपुर, महुवाखेड़ागंज, काशीपुर, महुवाडाबरा, सुल्तानपुर पट्टी, गदरपुर, दिनेशपुर, बाजपुर, सिरोलीकलां शामिल हैं। महुवाडाबरा नगर पंचायत ही ऐसी है, जहां मानक के अनुरूप सप्लाई हो रही है।
अल्मोड़ा: कहीं पर्याप्त पानी नहीं-अल्मोड़ा जिले में कुल छह शहर हैं। इनमें एक भी ऐसा नहीं, जहां तय मानक के अनुरूप पानी उपलब्ध हो। अल्मोड़ा के छह शहरों-अल्मोड़ा, द्वाराहाट, रानीखेत, भिकियासैंण, भतरौजखान और चौखुटिया में पानी कुल मांग 20.07 एमएलडी है। इसके सापेक्ष इन शहरों को 9.86 एमएलडी पानी ही सप्लाई हो पा रहा है।
नैनीताल: चार शहरों में पानी की किल्लत-नैनीताल जिले में सात शहर हैं। इनमें से तीन-भीमताल, रामनगर और लालकुआं में मानक के अनुरूप 135 एलपीसीडी पानी मिल रहा है। शेष नगरों में पानी का संकट बना रहता है। जिले के नगरों की पानी की डिमांड 72.62 एमएलडी व सप्लाई 63.53 एमएलडी ही हो पा रहा है।
टिहरी: मांग का महज आधा पानी-टिहरी में दस शहर हैं जिनमें वाटर सप्लाई डिमांड से 50 प्रतिशत कम हो रही है। यहां पानी की कुल डिमांड 22.10 एमएलडी है। इसके सापेक्ष 11.85 एमएलडी पानी सप्लाई हो रहा है। इस जिले में सिर्फ नरेंद्रनगर और देवप्रयाग ऐसे हैं, जहां पानी मानक के अनुरूप मिल रहा है।
चंपावत: कहीं पर्याप्त पानी नहीं-चंपावत जिले के चार नगरों में कहीं भी पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिले के सभी चार नगरों की डिमांड 10.99 एमएलडी है। इसके मुकाबले सिर्फ 3.68 एमएलडी पानी सप्लाई हो रहा है। चंपावत, बनबसा, लोहाघाट और टनकपुर में पानी 33 से 61 एलपीसीडी मिल जा रहा है।
833.77 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) पानी की कुल डिमांड है उत्तराखंड के सौ शहरों की
135 एलपीसीडी पानी देने का मानक तय है प्रति व्यक्ति के लिए रोज
649.86 एमएलडी पानी की ही सप्लाई कर पा रहा है सरकारी तंत्र इन शहरों में लोगों को
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