मानसून सीजन की शुरुआत से पहले ही प्रबंधन कंट्रोल रूम में खराब पड़े हैं टेलीफोन, ऐसे कैसे होगा आपदा में रेस्क्यू?
मानसून सीजन शुरू होने वाला है। आपदा के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड में जिला और तहसील स्तर पर आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, लेकिन इनमें व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानसून सीजन शुरू होने वाला है। आपदा के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड में जिला और तहसील स्तर पर आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, लेकिन इनमें व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हैं। शुक्रवार को आपदा से निपटने की तैयारियों की पड़ताल की तो तीन कंट्रोल रूम में फोन कॉल रिसीव ही नहीं हुई।
नैनीताल: कंट्रोल रूम में रिसीव नहीं हुआ फोन
नैनीताल जिले के आपदा कंट्रोल रूम के फोन 05942-231178 पर कॉल की गई तो किसी ने इसे रिसीव नहीं किया। कंट्रोल रूम पहुंचने पर मौके पर सात कर्मचारी मौजूद मिले। आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार के अनुसार कंट्रोल रूम 24 घंटे चलता है।
पौड़ी: 24 शिकायतें हो चुकी हैं दर्ज
पौड़ी जिला मुख्यालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित किया जाता है, यहां तीन शिफ्ट में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी डीपी काला ने बताया कि जिले में इस साल अभी तक 24 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।
चमोली: फोन की नहीं बज रही घंटी
जिला मुख्यालय गोपेश्वर में बना आपदा कंट्रोल रूम का फोन नंबर 01372-251437 काम नहीं कर रहा है। कंट्रोल रुम का मोबाइल 9068187120 को महिला कर्मचारी ने रिसीव किया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया 13 कर्मचारी आपदा कंट्रोल रुम के लिये नियुक्त हैं।
रुड़की: लैंडलाइन फोन पड़ा है बंद
तहसील मुख्यालय रुड़की में स्थापित आपदा कंट्रोल रूम का लैंडलाइन नंबर बंद पड़ा है। यहां मोबाइल नंबर भी दिया गया है, उसे भी शुक्रवार दोपहर 11 बजे रिचार्ज कर चालू किया गया। लैंडलाइन फोन बंद होने पर एएसडीएम विजय नाथ शुक्ल ने बताया कि इसे जल्द ठीक करवाया जाएगा।
बागेश्वर: 29 सेटेलाइट फोन की जरूरत
बागेश्वर का आपदा कंट्रोल रूम पूरी तरह से एक्टिव को गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग में 17 कर्मचारी तैनात हैं। अभी जिले के पास 13 सेटेलाइट फोन हैं। 29 और की मांग की गई है।