देहरादून सहित पहाड़ी इलाकों में खिली धूप, कई जगहों पर छाए बादल, रह सकती है कोल्ड डे कंडीशन
प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अगले 48 घंटों के दौरान शीत दिवस की स्थिति रह सकती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अगले 48 घंटों के दौरान शीत दिवस (कोल्ड डे) की स्थिति रह सकती है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के लगभग सभी इलाकों में मंगलवार को भी बादल छाये रहेंगे और बारिश होगी। हालांकि देहरादून सहित पहाड़ी इलाकों में धूप खिली रही। वहीं मैदानी इलाकों में हल्के बाद छाए रहे। बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में भी मंगलवार को धूप खिल आई। जिससे सर्दी से राहत मिली।
गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली और कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़, बागेश्वर और खटीमा के ज्यादातर इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। मंगलवार को भी प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। मौसम केंद्र निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार हरिद्वार, ऊधमसिंह के मैदानी इलाकों में कोहरे के कारण लोगों को सूरज के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। दून में अधिकतम तापमान 13 डिग्री तक पहुंच गया।
इस दौरान तापमान सामान्य से करीब सात डिग्री कम बना हुआ है। न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री है, जो सामान्य से चार डिग्री ज्यादा है। दूसरी ओर पंतनगर में अधिकतम तापमान 17.8 और न्यूनतम तापमान 11.5, मुक्तेश्वर में 1.5 अधिकतम तापमान, माइनस 0.7 डिग्री, न्यूनतम और नई टिहरी में अधिकतम तापमान चार और न्यूनतम 2.2 डिग्री रिकॉर्ड दर्ज किया गया।
धर्मनगरी में जनवरी में रिकॉर्ड तोड़ बारिश
जनवरी में हरिद्वार में 132.6 एमएम बारिश का नया रिकार्ड बन गया है। मौसम विभाग के पास मौजूद 1998 तक के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 साल में इतनी ज्यादा बारिश नहीं हुई है। उससे पहले का डाटा विभाग के पास नहीं है। वहीं दूसरी तहफ बारिश से फसलों को खासा नुकसान हुआ है। पहाड़ों में बर्फबारी से शीत लहर चल रही है जिससे ठिठुरन बढ़ गई है।
मौसम के उतार-चढ़ाव से नए रिकार्ड बनते और टूटते हैं। इस साल हरिद्वार ही नहीं पूरे उत्तर भारत में जमकर आसमान बरसा है। दिल्ली में कई दशकों का रिकार्ड टूटा है। धर्मनगरी में भी बारिश ने ऐसा रिकार्ड बना दिया है जिसकी तुलना के लिए मौसम विभाग के पास पुराना कोई डाटा ही नहीं है। धर्मनगरी में पहले पखवाड़े में जमकर आसमान बरसा। दूसरे पखवाड़े में भी लगातार बारिश है। बारिश से आलू की फसल बर्बाद हो गई है। गेहूं और सरसों के खेतों में जलभराव से पौध खराब हो रही है।
बारिश से तापमान भी हर रोज ऊपर-नीचे हो रहा है। बारिश होने पर आर्द्रता बढ़ जाती है। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान बढ़ने लगता है। बारिश बंद होने के करीब 24 घंटे बाद फिर तापमान में गिरावट आती है और ठंठ अपना असर दिखाती है। दो दिन की बारिश के बाद सोमवार को अधिकतम तापमान 14 डिग्री और न्यनूतम 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। सोमवार सुबह तक 14.2 एमएम बारिश हुई।
मौसम विभाग के बहादराबाद केंद्र में 1998 से पहले का बारिश का रिकार्ड मौजूद नहीं है। 1998 के बाद पहली बार जनवरी माह में 132.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इससे पहले 2014 में जनवरी माह में 84 एमएम बारिश का रिकॉर्ड था। 132.6 एमएम बारिश होने का कोई पुराना दस्तावेज नहीं है।