30 जून को हृदय रोग विशेषज्ञ विहीन हो जाएंगी राज्य की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं? पढ़ें क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड न्यूज
उत्तराखंड में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है। पहाड़ी जिलों में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के वजह से अक्सर मरीजों को जान तक गंवानी पड़ जाती है। हल्द्वानी, देहरादून जैसे शहरों में भी सरकारी अस्पताल विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड के इकलौते हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. केबी जोशी 30 जून को सेवानिवृत हो रहे हैं। वह नैनीताल के बीडी पांडे सरकारी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं।
30 जून को डॉ. केबी जोशी के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रदेश और स्वास्थ्य महकमा हृदय रोग विशेषज्ञ विहीन हो जाएगा। जिस कारण मरीजों को महंगे इलाज के लिए निजी अस्पतालों और बड़े शहरों के चक्कर काटने होंगे। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केबी जोशी के सेवा विस्तार की बात भी कह रहे हैं।
प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। प्रदेश में महज एक ही हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ केबी जोशी हैं, जिनको दो वर्ष पूर्व नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में तैनाती दी गई थी।
डॉ. केबी जोशी ने बताया कि कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ बनने के लिए एमबीबीएस के बाद एमडी और फिर डॉक्टरेट इन मेडिशन की पढ़ाई करनी पड़ती है, मगर प्रदेश के मेडिकल कालेजों में डीएम की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है। जिस कारण मेडिकल छात्र कार्डियोलॉजी की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते।
वहीं उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलेजा भट्ट ने बताया कि निदेशालय स्तर पर हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती के प्रयास किये जा रहे हैं। विशेषज्ञ चिकित्सको को सेवानिवृत होने के बाद भी सेवाकाल में विस्तार करने की व्यवस्था भी शुरू की गई है। सेवाकाल विस्तार के लिए डॉ. जोशी से बात की गई है।