रुड़की: अनाथ बहनों की शादी के लिए जुटाया था सामान, पटाखे की चिंगारी ने खाक किए अरमान

रामनगर नई बस्ती में बीते रोज एक पटाखे की चिंगारी से एक घर में आग लग गई. आग इतनी भीषण की थी कि घर में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया. आग में दो बहनें नीलम और संयोगिता की शादी के लिए रखा दहेज का सामान भी जलकर राख हो गया.

Update: 2021-11-08 07:37 GMT

जनता से रिश्ता। रामनगर नई बस्ती में बीते रोज एक पटाखे की चिंगारी से एक घर में आग लग गई. आग इतनी भीषण की थी कि घर में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया. आग में दो बहनें नीलम और संयोगिता की शादी के लिए रखा दहेज का सामान भी जलकर राख हो गया. बताया जा रहा है कि दोनों बहनों की दो महीने बाद शादी होनी है. उससे पहले हुई इस घटना ने सभी को दुखी कर दिया है.

रुड़की स्थित रामनगर नई बस्ती में नीलम और संयोगिता दो सगी बहनें रहती हैं. उनका एक भाई है. नीलम और संयोगिता के पिता का साल 2012 में देहांत हो गया था, जिसके 3 साल बाद इनकी मां भी मौत हो गई. ऐसे में नीलम और संयोगिता भी मेहनत कर अपना खर्च खुद उठा रही हैं. दोनों बहनों ने अपने विवाह के लिए दहेज भी इकट्ठा किया था. लेकिन एक पटाखे की चिंगारी ने उनके अरमानों को जलाकर राख कर दिया.
इनका घर छोटा होने की वजह से इन्होंने अपने विवाह का सारा दहेज का सामान मकान की छत के ऊपर बने एक टिन शेड में रखा था. बीते रोज अचानक पटाखे की एक चिंगारी कहीं से आकर इनके समान पर आ गिरी और सारा सामान कुछ ही मिनटों में जलकर राख हो गया.
विधायक ने दिया आश्वासन: स्थानीय विधायक प्रदीप बत्रा ने बताया कि यह बहुत ही दुःखद घटना है. उन्होंने दोनों बहनों को आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री से इन्हें मदद दिलाने का प्रयास करेंगे.
माता-पिता का हो चुका है देहांत: तीनों भाई बहन अनाथ हैं. पिता का साल 2012 में देहांत हो चुका है. 2015 में मां ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. ऐसे में दोनों बहनें और उनका भाई हाड़तोड़ मेहनत करके जीवन की गाड़ी को खींच रहे थे. तीनों ने मिलकर शादी का सामान इकट्ठा किया था.
दो महीने बाद थी शादी: दोनों बहनों की शादी दो महीने बाद थी. घर में शादी को लेकर ही चर्चा थी. शादी को और भव्य कैसे बनाया जाए अक्सर इस पर चर्चा होती थी. दीपावली आई तो तीनों भाई बहन बहुत खुश थे. धूमधाम से दीपावली मना ही रहे थे कि उनकी खुशियों पर पटाखे की चिंगारी ने ग्रहण लगा दिया.
पटाखे की एक चिंगारी और सब कुछ स्वाहा: तीनों के माता-पिता नहीं हैं. एक छोटे से घर में भाई-बहन गुजारा करते हैं. छत पर एक टिन शेड बना रखा है. मेहनत की कमाई से शादी के लिए जो सामान जुटाया था उसे टिन शेड में रख दिया था. दीपावली की रात पटाखे की चिंगारी ने दोनों बहनों के अरमानों को तो खाक किया ही उनकी मेहनत भी राख हो गई.


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