रिटायर्ड फौजी का मकान कराया गया खाली, करगिल विजय दिवस पर ये कैसा सम्मान ?

करगिल विजय दिवस

Update: 2022-07-26 15:17 GMT
आज पूरा देश कारगिल दिवस मना रहा है. देश के जवानों पर देश के सभी लोग गर्व कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बोकारो में एयर फोर्स के रिटायर्ड फौजी को उसके घर से बेघर कर दिया गया. एयरफोर्स से रिटायर हुए फौजी लव कुमार सेक्टर 9बी के स्ट्रीट संख्या 13 की आवास संख्या 641 में रह रहे थे. फौजी को बेघर करने का आदेश चास अनुमंडल पदाधिकारी के यहां से निर्गत हुआ है. जबकि फौजी लव कुमार ने बताया कि बिना किसी जांच पड़ताल और कोर्ट प्रोसीडिंग चलाएं अनुमंडल पदाधिकारी ने गलत आदेश निकाला है. आज बोकारो में एक फौजी को इस तरह सम्मान दिया गया है.
एयरफोर्स से वर्ष 2021 में रिटायर हुए लव कुमार ने बताया कि वर्ष 2003 में बोकारो स्टील के कर्मी जलेश्वर प्रसाद से यह घर खरीदा था. लेकिन उसके बेटे विजय कुमार ने घर को बेचने की बात को छुपाते हुए घर को खाली कराने का आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी चास को दिया. लेकिन अनुमंडल पदाधिकारी चास ने बिना कोई प्रोसिडिंग चलाएं गलत तरीके से घर खाली करने का आदेश जारी कर दिया, जबकि मेरे द्वारा 67 पेज का कागजात अनुमंडल पदाधिकारी के यहां दिया गया था, जिसमें सभी साक्ष्य हैं. लेकिन इसकी जांच तक नहीं की गई. उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में भी जलेश्वर प्रसाद और उसके बेटे ने मिलकर मेरे इस घर को बेचने की बात कह कर एक व्यक्ति से धोखाधड़ी की थी. जो मामला हरला थाने में चल रहा है. लेकिन बिना कागजात देखे और बिना कोर्ट में केस दर्ज कर इस पर फैसला ले लिया गया.
वहीं इस घर को खाली कराने आए दंडाधिकारी सुदीप एक्का ने बताया कि विजय कुमार के आवेदन पर चास अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा यह आदेश पारित किया गया है. इसी के आलोक में यह कार्रवाई की जा रही है. इस आदेश के खिलाफ कोई स्टे आदेश नहीं आया है, जिस कारण यह कार्रवाई की जा रही है. वहीं इस मामले पर जब चास अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत से बात की गई तो उन्होंने जानकारी दी कि पूरी कानूनी तरीके से यह आदेश दिया गया है. बताते दें कि बोकारो स्टील के क्षेत्र में किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने के लिए संपदा न्यायालय बना हुआ है. इस न्यायालय के आदेश पर ही कहीं भी अतिक्रमण को हटाया और आवासों से अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है. बावजूद इसके एसडीओ के द्वारा एक फौजी के घर को खाली कराने के लिए आदेश दिया जाना कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में है. इस पर फौजी लव कुमार भी सवाल उठा रहे हैं.

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