Kedarnath धाम में बचाव अभियान चौथे दिन भी जारी

Update: 2024-08-04 13:11 GMT
Kedarnath केदारनाथ: क्षतिग्रस्त केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान रविवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। इस दौरान केदारनाथ धाम से 373 लोगों को लिंचोली भेजा गया, जहां से उन्हें हवाई मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल (एनडीआरएफ) व अन्य रेस्क्यू टीमों के साथ केदारनाथ से रवाना हुए इन 373 लोगों में तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोग व मजदूर भी शामिल हैं।
सिंह के मुताबिक इन सभी को लिंचोली से हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा केदारनाथ हेलीपैड पर 570 तीर्थयात्री भी हेलीकॉप्टर का इंतजार कर रहे हैं। सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन, मंदिर समिति व तीर्थ पुरोहित समाज केदारनाथ में फंसे सभी लोगों को भोजन के पैकेट, पानी की बोतलें व फल उपलब्ध करा रहा है। अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को निकाला जा चुका है।
बुधवार रात भारी बारिश और बादल फटने से केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा समेत कई स्थानों पर सड़क बह गई तो कहीं भूस्खलन और पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे कई जगह श्रद्धालु फंस गए। फंसे हुए श्रद्धालुओं को निकालने के लिए गुरुवार सुबह से ही जमीन और हवा से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। शुक्रवार से भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी इस अभियान में शामिल हो गए हैं। अब तक करीब 10 हजार लोगों को निकाला जा चुका है।
इस बीच केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर Sonprayag-Gaurikund के बीच बह गई सड़क पर सेना की ओर से पैदल पुल का निर्माण शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक खोजी डॉग स्क्वायड को हेलिकॉप्टर से लिंचोली में उतारा गया है, जहां से वह पूरे इलाके की तलाशी शुरू करेगा। अधिकारियों का मानना ​​है कि बारिश के डर से कई लोग जान बचाने के लिए जंगलों की ओर चले गए होंगे और इस दौरान उनके भटक जाने की आशंका को देखते हुए तलाशी अभियान चलाया जाएगा।
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