नैनीताल न्यूज़: पूर्वी तराई वन प्रभाग के क्षेत्र ज्वाला वन के तहत प्लॉट संख्या 83 में अवैध तरीके से पेड़ों को काटे जाने की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम पर रात लकड़ी तस्करों ने गांव की महिलाओं के साथ हमला बोल दिया. तस्कर पकड़ी गई अवैध लकड़ी से भरी ट्रॉली को भी छुड़ा ले गए. हमले में वन विभाग का एक कर्मचारी घायल हो गया, दो सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. लॉट प्रभारी की तहरीर पर पुलिस ने एक महिला सहित 8 नामजद और 19 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
लॉट प्रभारी किशन लाल भंडारी को सूचना मिली कि गांव गजरौला इटव्वा निवासी मंजीत सिंह उर्फ मीता अपने साथियों के साथ अवैध रूप से पेड़ों को काटकर लकड़ी ले गया है. अधिकारियों के निर्देश पर देर रात करीब 230 बजे रामनगर रेंजर देवेंद्र सिंह रजवार और बन्नाखेड़ा रेंजर एलएस मर्तोलिया टीम के साथ गांव इटव्वा पहुंचे. टीम को लकड़ी नहीं मिली, लेकिन मीता के घर से कुछ ही दूर स्थित गुरुद्वारे के पास एक घर में छिपाकर रखी गई यूकेलिप्टस की लकड़ियों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली मिली. उसे कब्जे में लेकर टीम वापस लौटने लगी. इस बीच अचानक कई महिला-पुरुषों ने टीम को घेरकर डंडों से हमला बोल दिया और पकड़े गए वाहन को छुड़ाकर भाग गए. हमले में वन विभाग का चालक गुरमीत सिंह घायल हो गया, जबकि बन्नाखेड़ा रेंजर के वाहन समेत दो सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.
इधर, लॉट प्रभारी की तहरीर पर पुलिस ने मंजीत सिंह उर्फ मीता, मनवीर सिंह, कुलवीर सिंह, बबलू सिंह, स्वर्ण सिंह, हरविंदर सिंह, गुरनाम सिंह और गीता पत्नी मनवीर समेत 19 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
तीन माह में आठ बार वनकर्मियों पर हमले:
जिम कॉर्बेट से सटे तराई पश्चिम वन प्रभाग में खनन माफिया सक्रिय हैं. अवैध खनन और लकड़ी तस्करों को पकड़ने जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर तस्कर आए दिन हमला कर रहे हैं. आरोपी हमला कर वाहन छुड़ा ले जाते हैं. पिछले तीन माह में खनन शुरू होने से अब तक वन निगम और वन विभाग के अधिकारियों पर आठ बार हमला हो चुका है. वन निगम के डीएलएम धीरेश बिष्ट ने बताया कि कोसी व दाबका नदी में खनन उठान का कार्य जनवरी पहले सप्ताह में शुरू कर दिया गया था. माफिया ने एक बार उन पर तो दूसरी बार निगम अधिकारी पर हमला किया था. कोसी के रेंजर देवेंद्र रजवार ने बताया कि अब तक आठ पर हमले हुए हैं. एक मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
महिलाओं के आगे बेबस हुई वनकर्मियों की टीम:
वन विभाग और लकड़ी तस्कर अक्सर एक-दूसरे के सामने आते रहे हैं. रात वनकर्मियों को अपने कदम वापस खींचने पड़े हैं. इसका मुख्य कारण हमले में तस्करों का साथ देने महिलाओं का भी मैदान में उतरना रहा है. जब अवैध लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को विभाग ने पकड़ा और उसको कब्जे में लेकर चालक गुरमीत सिंह लाने लगा तो दर्जनों महिलाओं ने हाथों में डंडे लेकर उस पर हमला बोल दिया और ट्रॉली को छुड़ाकर भाग गईं. बन्नाखेड़ा रेंजर एलएस मर्तोलिया ने बताया कि रात भी कई महिलाएं वहां मौजूद थीं, जिनके हाथों में लाठी-डंडे थे. टीम में रामनगर रेंजर देवेंद्र सिंह रजवार, बन्नाखेड़ा रेंजर लक्ष्मण सिंह मर्तोलिया, वन दरोगा नंद किशोर, उप वन क्षेत्राधिकारी किशन सिंह थे.